Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर रविवार को महादेव सट्टा केस में हुई FIR पर सियासत शुरू हो गई है. मामले में पक्ष और विपक्ष के बयान आने शुरू हो गए हैं. सोमवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि जो FIR दर्ज हुई है उसे लेकर भूपेश बघेल अनाप शनाप बयानबाजी करने के बजाय कानूनी प्रक्रिया का सामना करें और सम्मान करें. 


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डिप्टी सीएम ने कहा कि FIR दर्ज हुई है उससे पहले ही असीम राय से ईडी ने रुपये जब्त किए थे. शुभम सोनी के वीडियो में स्पष्ट रूप से भूपेश बघेल का नाम सामने आया था. भूपेश बघेल राजनीतिक बयानबाजी करने के बजाय कानूनी प्रक्रिया का सामना करें और यह कार्रवाई न तो किसी तरह से राजनीतिक दृष्टि से है और ना ही विद्वेषवस है. ना ही इसका चुनाव से लेना देना है. 


कानूनी कार्रवाई निश्चित रूप से होगी?
इससे पहले साव ने कहा कि हम सब ने देखा था की ED के जांच में ये सारे तथ्य आए थे कि महादेव ऐप्प के मामले में किस-किस का हाथ रहा है. ED ने बहुत विस्तृत जांच की है. ED की जांच के आधार पर ये FIR हुई है. निश्चित रूप से जो भी इसमें दोषी पाया जाए, उन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. FIR है तो कानून सम्मत कार्रवाई निश्चित रूप से होगी.


FIR में जबरन जोड़ा गया नाम: भूपेश बघेल
इस पूरे मामले में एक दिन पहले भूपेश बघेल ने सफाई देते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक एफआईआर है. जबरन नाम डाला गया है. राजनीतिक प्रतिशोध के चलते एफआईआर दर्ज की गई है. राजनांदगांव लोकसभा के चुनाव में भाजपा हार मान चुकी है. इसलिए बदनाम करने के लिए नाम जोड़ा गया है. बघेल ने कहा, 'एफआईआर की कॉपी में 6वें नंबर पर मेरा नाम लिखा हुआ है. कई धाराएं लगाई गई हैं. इसमें महादेव ऐप के प्रमोटर और बाकी के नाम लिखे हैं. एफआईआर की कॉपी में नीचे कहीं मेरा नाम नहीं है.'


रिपोर्ट: राजेश निलशाद, रायपुर