देवेन्द्र मिश्रा/धमतरीः महिला सुरक्षा आज पूरी दुनिया में समस्या के तौर पर उभरी है. दुनिया के कुछ देशों को छोड़ दें तो बाकी देशों में अकेली महिला जब घर से बाहर निकलती है तो उसे अनजान डर हर वक्त घेरे रहता है. छेड़छाड़ की घटनाएं सबसे ज्यादा परेशान करने वाली हैं. इसे रोजाना की खबरों और आसपास की घटनाओं से सबने देखा है. हाल के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में महिला सुरक्षा का मुद्दा छाया रहा, जिसका नतीजों में भी असर दिखा. ऐसे में छत्तीसगढ़ के धमतरी की एक युवती ने महिला सुरक्षा के लिए एक ऐसी डिवाइस बनाई है जिसकी देश भर में सराहना होने के बाद अब विदेशों में भी मांग होने लगी है. इस उपकरण में युवती ने मच्छर मारने वाली रैकेट की किट का इस्तेमाल किया है. जिससे वुमन सेफ्टी सैंडल और वुमन सेफ्टी पर्स बनाया है.


आपको बता दें कि इसकी शुरुआत जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी से हुई थी. जहां सिद्धि ने अपने वूमन सेफ्टी डिवाइस का प्रदर्शन किया था. जो राज्य स्तर पर चयनित हुआ, फिर राष्ट्रीयस्तर पर दिल्ली आईआईटी में सिलेक्ट हुआ और अब इसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन होना है.

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सैंडल में फिट किया डिवाइस
दरअसल, धमतरी जिले की सिद्धि पांडे ने महिलाओं के सुरक्षा के लिए एक ऐसा वुमन सेफ्टी सैंडल और वुमन सेफ्टी पर्स बनाया है जिसे महिला अपनी सुरक्षा के लिए लेकर निश्चिंत रह सकती हैं. महिलाएं ज्यादातर सैंडल पहनती है और पर्स रखती हैं. इन्हीं दो चीजों को सिद्धि ने सुरक्षा का हथियार भी बना दिया है. सिद्धि ने बताया कि सैंडल में जो डिवाईस लगा है, वो 1000 वोल्ट तक का झटका देता है. अगर अकेली देखकर किसी ने भी छेड़छाड़ की तो सैंडल को मजनूं से सिर्फ टच करवा कर उसे निढाल किया जा सकता है. जिसे भी ये तगड़ा झटका लगेगा वो कुछ देर के लिये बेहोश हो जाएगा. इस बीच महिला मौके से सुरक्षित निकल सकती है. सिद्धि ने बताया कि इसके लिए मच्छर मारने वाले रैकेट के किट का प्रयोग किया गया है. जो सैंडल के सोल में एडजस्ट किया गया है और रिचार्जेबल बैटरी से चलता है. सिद्धी ने इसे सैंडल में कुछ इस तरह से फिट कर दिया कि एक नजर में ये दिखाई भी नहीं देता है.


पर्स में लगाया सायरन और जीपीएस
दूसरी डिवाइस पर्स है, जिसमें पुलिस सायरन लगाया गया है. अगर कोई अकेली महिला किसी भी तरह के खतरे का एहसास करती है. तो वह अपने पर्स में छुपा हुआ छोटा सा बटन दबाएगी, जिससे फौरन सायरन की आवाज निकलेगी. पुलिस सायरन की आवाज से गुंडे मवाली या मजनू टाइप के अपराधी खौफ में आ जाएंगे. इसके बावजूद भी अगर महिला कहीं फंस जाती है. तो इसी पर्स में जीपीएस भी लगाया गया है. जिसका संपर्क घर में रखे मोबाइल फोन से रहता है. अपने आप महिला का लोकेशन घर वालो को मिल सकता है. सिद्धि ने बताया कि इस डिवाइस को बनाने में सिर्फ 750 रुपये का खर्च आया है.


जापान में होगा इस डिवाइस का प्रदर्शन
आज इस सस्ते और शानदार डिवाइस की मांग देश में तो है ही साथ में टेक्नॉलजी में विश्वगुरू माना जाने वाला जापान भी इससे प्रभावित है. आने वाले दिनों में इस डिवाइस का जापान में प्रदर्शन होना है. सिद्धि को इसके लिये बकायदा जापान से न्योता मिल चुका है. कोरोना प्रतिबंधों के कारण ये प्रदर्शन रोक दिया गया था. अब लॉकडाउन में विश्वव्यापी ढिलाई के बाद प्रदर्शन का रास्ता खुल गया है. 


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मध्यमवर्गीय परिवार से आती है सिद्धि
सिद्धि एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं. सिद्धि के पिता नीरज पाण्डेय एक गौशाला में काम करते हैं और वहीं से मिले पैसों से परिवार चलता है. सिद्धि फिलहाल बीकॉम सेकेंड ईयर की छात्रा है. घर में उसके माता, पिता और एक भाई हैं. जीवन यापन के संघर्ष में, रोजमर्रा की आपाधापी में उलझे इस परिवार में अब उम्मीदें और खुशियां चरम पर हैं. सिद्धि के पिता नीरज पाण्डेय ने बताया कि इस डिवाइस के बारे में जब उन्हें पता चला तो यकीन नहीं हुआ. बेटी ने पिता से सामान मंगाने को कहा तो पिता सोच में पड़ गए. लेकिन जब सिद्धि को गाइड करने वाले शिक्षकों ने नीरज पाण्डेय को भरोसा दिलाया तब वो खर्च करने के लिये राजी हो गए. आज नीरज कहते हैं कि अपनी खुशी को जाहिर करने के लिये उनके पास शब्द नहीं है. वहीं पड़ोसियों का कहना है कि हमें उम्मीद है सिद्धि दुनिया भर की महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी और पूरे भारत की बेटी बनने का गौरव हासिल करेगी.

 


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