Dhan Kharidi: छत्तीसगढ़ में टूटेंगे सारे रिकॉर्ड! जानें क्या कहते हैं पहले दिन के आंकड़े
Dhan Kharidi: छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी शुरू हो गई है. पहले दिन प्रशासन ने प्रदेश भर में 3 हजार 951 किसानों से 10 हजार 257 मीट्रिक टन धान खरीदी. इस साल सरकार ने पुराने रिकॉर्ड तोड़कर नए रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा है.
Dhan Kharidi: रायपुर। छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है. पहले दिन किसानों से 10 हजार 257 मीट्रिक टन धान खरीदी गई. इस रोज मंडी में 3 हजार 951 किसान अपने फसल लेकर पहुंचे. हालांकि, स्थापना दिवस होने के कारण पहले दिन अपेक्षा के अनुसार खरीदी नहीं हो पाई. वहीं टोकन जारी होने के बाद भी किसान भी करीब अधी संख्या में ही पहुंचे. अब उम्मीद जताई जा रही है कि मंडी में किसानों की संख्या बढ़ेगी और धान की बंपर खरीदी होगी.
पहले दिन का रिकॉर्ड
- धान खरीदी के पहले दिन 775 उपार्जन केंद्रों में हुई खरीदी
- पहले दिन 10 हजार 257 मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी
- धान खरीदी के पहले ही दिन 3 हजार 951 किसानों ने बेची अपनी उपज
- पहले दिन के लिए 5341 टोकन किए गए थे जारी
- धान उपार्जन का भुगतान के लिए मार्कफेड ने 279 करोड़ रुपए अपेक्स बैंक को किए थे जारी
- टोकन तुंहर हाथ एप के माध्यम से 268 टोकन किए गए थे जारी
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क्या है इस साल की तैयारी
- इस साल प्रदेशभर में बनाए गए है 2497 उपार्जन केंद्र
- 25 लाख 93 हजार किसानों का हुआ पंजीयन
- पंजीयन कराने वालों में 02 लाख 03 हजार नये किसान
धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को सहज बनाने के लिए भूपेश सरकार ने कई नियम बनाएं हैं और कुछ सहूलियतें दी है. इस कारण इस साल प्रशासन को उम्मीद है कि वो रिकॉर्ड बना लेंगे. प्रदेश में इस साल धान का कुल 31.13 लाख हेक्टेयर पंजीकृत रकबा है. इस लिए सरकार की ओर से 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की तैयारी की गई है और इसी लक्ष्य को पाने की उम्मीद से काम किया जा रहा है.
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बढ़े किसान और खेती का रकवा
छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां किसानों को धान पर सबसे ज्यादा सब्सिडी मिलती है. यहां केंद्र के द्वारा तय रेट के बाज प्रति एकड़ 9 हजार रुपये इनपुट सब्सिडी दी जाती है. इसी कारण यहां लगातार उत्पादन बढ़ता जा रहा है. आंकड़ों की बात करें तो 2018 से 2022 तक किसानों की संख्या 17 लाख से बढ़कर 24 लाख हो गई है. वहीं खेती का रकवा भी 25 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 30 लाख हेक्टेयर हो गया है.