चुन्नीलाल देवांगन/रायपुर: हाल ही में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का 85वां अधिवेशन (85th session of Congress) हुआ है. जिसमें पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Former President Sonia Gandhi), राहुल गांधी ,कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता छत्तीसगढ़ की भूमि पर पधारे तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने उनका स्वागत एक माला पहनाकर किया. अब इस माले से स्वागत को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है और यहां तक कि आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी खर्चे पर सोने की माला पहनाकर लोगों का स्वागत किया है. आप इन आरोपों को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार किया है. 


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सीएम बघेल ने बोला हमला
बीजेपी पर वार करते सीएम बघेल ने ट्वीट किया. सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर उन्होंने लिखा,"झूठ बोलो, बार-बार झूठ बोलो, जितना ज़ोर से बोल सकते हो, उतना बोलो"..इस सूत्र पर चलने वाले इस अनमोल तोहफे का भी अपमान कर रहे हैं. साथ ही प्रकृति पुत्रों/पुत्रियों की कला और छत्तीसगढ़ की संस्कृति का भी. आख़िर छत्तीसगढ़ के लोगों, यहां की संस्कृति से भाजपा को इतनी नफ़रत क्यों है? वहीं, कांग्रेस ने आरोपों पर कहा कि जो माला पहनाई गई है वह छत्तीसगढ़ की स्वर्णभूमि घास से बनी है और यह दुर्लभ पेड़ खीरसाली के रेशे से बनी है.



तानाशाही का चेहरा हुआ बेनक़ाब:सीएम बघेल
भाजपा पर हमलावर होते हुए उन्होंने ये भी कहा कि खीझ और राजनीतिक दुर्भावना में भाजपा हदें पार कर रही है. मेरे साथियों के घर ईडी के छापे से महाधिवेशन नहीं रोक पाए तो शनिवार को अधिवेशन का प्रबंधन संभाल रहे कारोबारी के घर पहुंच गए. उन संदिग्ध लोगों ने अपने को ईडी का अधिकारी बताया, लेकिन न अपना परिचय पत्र दिखाया न कोई वारंट.धमकियां दीं. भाजपा के आरोपों के जवाब मांगे और फिर आने की बात कहकर चले गए. लाख कोशिशें कीं, लेकिन कांग्रेस का महाधिवेशन किसी भी तरह नहीं रोक पाए. तानाशाही का चेहरा बेनक़ाब हो गया है. लेकिन हम न डरे हैं न डरेंगे.


महाधिवेशन पर बयानबाज़ी जारी
बता दें कि कांग्रेस के महाधिवेशन पर बयानबाज़ी जारी है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों का आरक्षण छीनने वाली कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में सामाजिक न्याय का एक प्रस्ताव पास किया है, लेकिन कांग्रेस छत्तीसगढ़ में आरक्षण ना देकर लोगों के साथ सबसे बड़ा अन्याय कर रही है. जिस क्वान्टीफायबल डाटा के आधार पर आरक्षण लागू कर दिया गया, उस रिपोर्ट को अभी तक ना तो सदन में रखा ना ही जनता के सामने, इससे कांग्रेस की कथनी और करनी में साफ़ फर्क नजर आता है.