हितेश शर्मा/दुर्ग : छत्तीसगढ़ के भिलाई में निजी अस्पताल की लापरवाही से एक 10 माह के बच्चे की मौत (child died negligence of private hospital in Bhilai) हो गई. जिसके बाद बच्चे के पिता ने तत्काल इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को बताया जा रहा है कि 10 माह के बच्चे को 27 अक्टूबर को सर्दी खांसी बुखार हुई थी.जिसके बाद उसे दुर्ग के सिद्धिविनायक हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था.जहां डॉक्टरों ने उसे इंजेक्शन लगाया,लेकिन इंजेक्शन का उस होने के कारण बच्चे का स्वास्थ्य बिगड़ता चले गया और 30 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई.


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तमाम चिकित्सा व कर्मियों को हटाने निर्देश 
अक्टूबर को शिवांश वर्मा को परिजनों ने सर्दी जुकाम होने पर Bhilai-3 स्थित सिद्धिविनायक अस्पताल में दाखिल कराया था, लेकिन उन्हें क्या पता था कि इस अस्पताल एडमिट कराने के बाद उनका बच्चा ही इस दुनिया को छोड़ कर चला जाएगा.डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत हो गई.जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में त्वरित कार्रवाई करते हुए एक जांच टीम बनाई जांच टीम ने जांच प्रतिवेदन सौंपा और सीएमएचओ को बताया कि अस्पताल की लापरवाही के कारण ही बच्चे की मौत हुई है.उपचार दुर्ग सीएमएचओ डॉ जेपी मेश्राम ने आदेश जारी कर सिद्धिविनायक अस्पताल के तमाम चिकित्सा व कर्मियों को हटाने निर्देश दिए हैं.


अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने के लिए नोटिस
बता दें कि अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने के लिए 30 दिन का नोटिस  दिया गया है.सिद्ध विनायक अस्पताल में पदस्थ तीन डॉक्टरों और चार सहयोगी स्टॉफ को नौकरी से हटा दिया गया. साथ ही सरकारी डॉ.समित राज के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जगह निजी डॉक्टर की तरह ही निजी अस्पताल की सेवा से हटाने की कार्रवाई की गई है.स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई जांच में सरकारी चिकित्सक की लापरवाही साबित हुई है.सभी लोगों को सीएमएचओ द्वारा हटाने का निर्देश दे दिया गया है.