Durg: वक्फ बोर्ड ने ठोका आधे दुर्ग शहर पर दावा,हिंदूवादी संगठन ने किया विरोध,आवेदन निरस्त
Waqf Board Claim On Durg City: वक्फ बोर्ड के दावे के बाद हिंदूवादी संगठन और बीजेपी के नेताओं ने इसका जमकर विरोध किया.महज 6 घंटे के अंदर 4000 से ज्यादा लोगों ने दावा आपत्ति दर्ज कराई.
हितेश शर्मा/दुर्ग: वक्फ बोर्ड की संपत्ति के दावों को लेकर देशभर में कई विवाद हुए हैं.अब इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ का नाम भी जुड़ गया है. छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने दुर्ग शहर के सैकड़ों एकड़ जमीन पर अपनी स्वामित्व को लेकर दावा किया गया था और वक्फ बोर्ड के दावे के बाद हिंदूवादी संगठन और बीजेपी के नेताओं ने इसका जमकर विरोध किया.महज 6 घंटे के अंदर 4000 से ज्यादा लोगों ने दावा आपत्ति दर्ज कराई. जिसके बाद मौके की नजाकत को समझते हुए जिला प्रशासन ने वक्फ बोर्ड द्वारा जारी किए गए आदेश को निरस्त करने का फैसला लिया है. दरअसल पिछले दिनों छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा तहसीलदार दुर्ग के अधिपत्य में एक इश्तिहार दिया गया.जिसमें बताया गया कि दुर्ग शहर की कई जमीनों पर वक्फ बोर्ड का अधिकार है.
कई पीढ़ियों से लोग कर रहे हैं निवास
आपको बता दें कि इन जमीनों पर लोग कई सालों से निवास कर रहे हैं.यह उनकी निजी जमीन है.जिन पर उनके घर बने हुए हैं. कई पीढ़ियां बीत गई आज भी वह इसी जमीनों पर निवास कर रहे हैं.छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने दुर्ग शहर के नयापारा,कायस्थ पारा,प्रेस कांप्लेक्स,तहसील कार्यालय,पंचशील नगर के विभिन्न खसरा नंबर की सैकड़ों एकड़ जमीन पर अपनी स्वामित्व को लेकर दावा किया गया.इस पर तहसीलदार दुर्ग की ओर से जारी इश्तिहार के बाद शहर में दावा आपत्ति करने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के साथ-साथ बड़ी संख्या में शहरवासी तहसील कार्यालय पहुंचे और दावा आपत्ति करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया .
साथ ही तहसील कार्यालय के अंदर और बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लगी थी.जिसमे बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई और तहसील कार्यालय के बाहर एक स्टाल भी लगाया गया है.जहां लोगों को दावा आपत्ति के लिए आवेदन पत्र उपलब्ध कराया जा रहा है.
वक्फ बोर्ड पर 30 से 35 वार्डों की जमीन का दावा
आपको बता दें कि दुर्ग शहर के 30 से 35 वार्डों की जमीन पर वक्फ बोर्ड दावा कर रही है. इस पूरे मामले के बाद अब हिंदूवादी संगठनों सहित बीजेपी विश्व हिंदू परिषद,बजरंग दल जैसे नेता तहसील कार्यालय में सक्रिय हो गए हैं तो वहीं उन्हें छत्तीसगढ़ के राज्य सरकार को घेरने का मौका भी मिल गया है. आपको बता दें कि 2023 के नवम्बर में यानी अगले साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव के ठीक पहले बीजेपी को एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है.जिसे अब बीजेपी भुनाने की पूरी कोशिश की जा रही है.