छत्तीसगढ़ में बंदूक का रास्ता छोड़ रहे हैं नक्सली, लाखों के इनामी माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में नक्सली धीरे-धीरे मुख्यधारा में भी लौट रहे हैं, सुकमा जिले में लाखों के इनामी नक्सलियों ने सरेंडर किया है. सीएम साय ने खुद इस बात की जानकारी दी है.
Sukma News: छत्तीसगढ़ में नक्सली अब धीरे-धीरे ही सही लेकिन मुख्यधारा की तरफ लौट रहे हैं, नक्सली अब बंदूक का रास्ता छोड़कर विकास रास्ता पकड़ने की तैयारी में हैं. राज्य के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में आठ नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें चार हार्डकोर इनामी नक्सली शामिल हैं, जिनके ऊपर लाखों का इनाम रखा गया था. सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया पर नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने की जानकारी दी है.
मुख्यधारा में लौट रहे नक्सली
सीएम साय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा 'सुकमा जिले में सक्रिय 4 ईनामी नक्सलियों सहित 8 नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किए जाने की सुखद खबर प्राप्त हुई. हमारी सरकार की "छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति" एवं "नियद नेल्लानार योजना" से प्रभावित होकर नक्सली बंदूक छोड़कर समाज की मुख्य धारा में लौट रहे हैं, जिनके पुनरुत्थान के लिए हमारी सरकार तत्पर है.' बता दें कि राज्य सरकार ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटाने के लिए नियद नेल्लानार योजना चलाई है. जिसका फायदा प्रदेश में दिख रहा है.
वहीं छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा 'हमारी पुनर्वास नीति और "नियद नेल्लानार योजना" से प्रभावित होकर माओवादियों के बंदूक छोड़कर समाज की मुख्य धारा में लौटने का सिलसिला जारी है. आज सुकमा जिले में सक्रिय 4 इनामी नक्सलियों सहित 8 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. उन सभी का समाज की मुख्यधारा में स्वागत है. छत्तीसगढ़ सरकार चाहती है कि माओवाद के नाम पर भटके हुए लोग हिंसा का रास्ता छोड़ें, मुख्यधारा में लौटें, अपना जीवन संवारें और प्रदेश के विकास में अपना योगदान करें.'
5 लाख का था इनाम
जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, उन पर पांच लाख रुपए का इनाम था. वेट्टी मासे नाम के युवक पर 2 लाख, सागर उर्फ देवा मड़काम पर एक लाख, सोड़ी तुलसी और पोडियम नंदे पर भी एक-एक लाख का इनाम था. इसके अलावा तीन और नक्सलियों ने इनके साथ बिना हथियार के सुरक्षाबल और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. आठों ने बताया कि वह पुलिस पार्टियों पर रेकी करके हमला करते थे. जबकि सड़के खोदना, पर्चा बांटना और वसूली का काम भी करते थे. लेकिन अब उन्होंने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है. बता दें कि इससे पहले भी छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं.
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