सुशील कुमार बख्ला/सरगुजा: 26 जनवरी को हर साल पूरे देश में गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) मनाया जाता है.गौरतलब है कि कई सालों की गुलामी के बाद देश को आजादी मिली थी और आजादी मिलने के बाद देश का संविधान बना और आज उसी से हमारा देश आज चल रहा है. बता दें कि भारत देश की आजादी में सरगुजा ने भी अपना अहम योगदान निभाया था. जहां सरगुजा संभाग के 39 स्वतंत्रता सेनानी, जिसमें सरगुजा से 15 स्वतंत्रता सेनानियों की मौजूदगी में देश की आजादी में अहम योगदान रहा था. हालांकि कई स्वतंत्रता सेनानियों को शासन से कोई भी सुविधा नहीं मिली. यहां तक कि भू माफियाओं ने एक की जमीन पर कब्जा कर लिया तो चलिए पढ़ते हैं ये स्पेशल रिपोर्ट...


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स्वतंत्रता सेनानी का परिवार छोटे से रूम में रहने को मजबूर 
आजादी के बाद भारत में रहने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों को परिवार पालन पोषण के लिए पेंशन और जमीन देने की बात कहीं गई थी,लेकिन अंबिकापुर शहर के कोतवाली थाना के पीछे रहने वाले शिवदास स्वतंत्रता सेनानी के परिवार को सरकार द्वारा जमीन के कागजात तो दे दिए गए, लेकिन भू माफियाओं के कब्जे ने उन्हें 10 बाई 10 के रूम में रहने को मजबूर कर दिया है.


इधर अंबिकापुर का दूसरा स्वतंत्रता सेनानी के परिवार को भी सरकार द्वारा भरण पोषण के लिए जमीन आवंटन करने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक इन्हें भी जमीन का एक टुकड़ा भी नहीं मिला है.जब नेता सुभाष चंद्र बोस ने अपने आजाद हिंद की फौज शुरू की उस दौरान स्वतंत्रता सेनानी नैन सिंह ठाकुर आजाद हिंद फौज में शामिल हुए.जिसके बाद भारत आजाद होने के बाद सरगुजा में होमगार्ड की नौकरी की. हालांकि इस परिवार को आज भी सरकार द्वारा दिए जाने वाले भरण-पोषण के लिए जमीन नहीं मिली और यहां तक कि स्वतंत्रता सेनानी का परिवार ने उम्मीद भी छोड़ दी है.


कलेक्टर कुंदन कुमार ने कही ये बात
वहीं इसको लेकर कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि मेरे पास अभी तक कोई स्वतंत्रता सेनानी का परिवार आया तो नहीं है, लेकिन आपके द्वारा जानकारी दी जा रही है. उस पर जांच कर उन परिवारों को शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.


बहरहाल आजाद भारत के 75 साल के बाद भी ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों का परिवार है. जिसने परिवार के सदस्य ने देश की आजादी में अपनी अहम भूमिका भले ही निभाई है, लेकिन शासन की योजनाओं का लाभ तो इन्हें मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. अब देखना होगा कि आखिर कब तक इन स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सरकार द्वारा दी जाने वाली जमीन उपलब्ध करायी जाती है.