Chandrayaan3: भारत की सफलता का मुरीद हुआ Google, चंद्रयान की सफलता पर ऐसे किया सेलिब्रेट
Chandrayaan-3 Success: चंद्रयान-3 की सफलता पर फेमस सर्च इंजन Google ने अपना डूडल बदलकर इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाया है. बुधवार को भारत के चंद्रयान-3 उपग्रह ने चांद पर सफल लैंडिंग कर ली है, जिसकी खुशी न सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी लोग मना रहे हैं.
Google celebrates Chandrayaan-3 Success: 23 अगस्त 2023. भारत के नाम ऐसा ऐतिहासिक पल रिकॉर्ड हुआ, जब भारतीय चंद्रयान-3 ने चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया. ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन गया है. देश-विदेश में इस सफलता की खुशी पर अलग-अलग तरीके से जश्न मनाया जा रहा है. इस मौके पर फेमस सर्च इंजन Google ने भी सेलिब्रेशन किया है. गूगल ने अपना डूडल चेंज कर इस खास पल का जश्न मनाया.
गूगल ने बदला डूडल: गूगल ने अपना डूडल बदलते हुए उसमें चांद और और नीचे चंद्रयान बनाया है. डूडल में एक GIF वीडियो भी है. जिसमें GOOGLE स्पेलिंग के दूसरे O को चांद दर्शाया गया है. बैकग्राउंड में तारे हैं. चंद्रयान-3 आता है और चांद की सतह पर लैंड करता है, जिसके बाद चांद खुश हो जाता है.
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पूरी दुनिया की थी निगाहें
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 उपग्रह की लैंडिंग पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई थीं. इस सफलता के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश बन गया है. इसके साथ ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है. भारत से पहले रूस, चीन और अमेरिका चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं.
14 जुलाई को हुआ था लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 14 जुलाई को 3,897.89 किलोग्राम के चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को सतीश धवन अंतिरक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया था. 42 दिन की यात्रा के बाद चंद्रयान-3 का लैंडर सफलतापूर्वक चांद पर लैंड हो गया.
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चंद्रयान का सफर
सबसे पहले साल 2008 में चंद्रयान-1 के सफल प्रक्षेपण ने भारत को चंद्रमा की ओर पहुंचाया और उसकी अंतरिक्ष अनुसंधान में नई ऊंचाइयों को हासिल करने की क्षमता दिखाई. इसके बाद साल 2019 में चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण ने भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया, जो चंद्रमा के प्रति अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है. अब 2023 में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद पूरी दुनिया की नजरें भारत की ओर हैं, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है.