Indira Priyadarshini Bank scam: इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले पर सख्त हुई भूपेश सरकार, फिर से की जाएगी जांच, सामने आ सकते हैं कई राज
Raipur News: छत्तीसगढ़ (Chattishgarh) में बीते 17 साल पहले हुए इंदिरा प्रियदर्शिनी सहकारी महिला बैंक घोटाले (Indira Priyadarshini Bank scam) को लेकर सरकार का रूख सख्त हो गया है. इस घोटाले की फिर से जांच की जाएगी, सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि जो भी दोषी सामने आएंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
रूपेश गुप्ता/रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chattishgarh) में इंदिरा प्रियदर्शिनी सहकारी महिला बैंक घोटाले का जिन्न एक बार फिर सामने आ गया है. इसको लेकर प्रदेश सरकार काफी सख्त है. सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने इसे लेकर के एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि घोटाले की फिर से जांच की जाएगी और दोषियों को सजा दी जाएगी. ये मामला उस समय सामने आया है जब कुछ महीने बाद राज्य में विधानसभा चुनाव (Chattishgarh Assembly Elections) होना है. क्या है पूरा मामला जानते हैं.
क्या है मामला
छत्तीसगढ़ में साल 2006-07 में इंदिरा प्रियदर्शिनी सहकारी महिला बैंक में घोटाला हुआ था. इस घोटाले में राज्य के करीब 22 हजार खाता धारकों के खून पसीने की कमाई को बैंक के संचालक मंडल और तात्कालिक रसुखदारों की मिलीभगत से करीब 20 करोड रूपयो का बंदरबांट किया गया था. जिसके बाद प्रदेश की सियासत में इसे लेकर पक्ष - विपक्ष आमने- सामने आ गए थे. लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा समेत कुल 18 बैंक संचालक मंडल के पदाधिकारियों के खिलाफ रायपुर कोतवाली में धोखाधड़ी, षड्यंत्र सहित कई अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.
इस पुरे मामले में पुलिस की एसआईटी टीम गठित कर जांच की गई थी. इसके बाद जांच में बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन पूछताछ में सही तथ्य सामने नहीं आने के कारण कोर्ट के आदेश के बाद बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा का बैंगलूरू स्थित लैब में नार्को टेस्ट करवाया गया था. जिसकी सीडी और एफएसएल रिपोर्ट कोर्ट में जमा हो गई थी. इस मामले में खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर वीडियो अपलोड किए थे.
बता दें कि एफएसएल रिपोर्ट और नार्को टेस्ट की सीडी बिलासपुर हाईकोर्ट में उपमहाधिवक्ता और विशेष लोक अभियोजक संदीप दुबे ने कोतवाली थाना प्रभारी को सौंपा हैं. बताया जा रहा है कि 10 से ज्यादा पन्नों की एफएसएल रिपोर्ट और नार्को टेस्ट सीडी मिलने के बाद पुलिस नये सिरे से जांच शुरू करेगी, जानकारों के मुताबिक इस पूरे मामले में पुलिस के द्वारा एक विशेष एसआईटी टीम गठित कर जांच हो सकती है. क्योकि उस समय इस मामले में कई ऐसे तथ्यों पर जांच नही हो पाई थी जिससे रसुखदारो तक इस जांच की आंच पहुंच सकती थी. फिलहाल पुलिस का मानना है कि इस पूरे मामले की जांच के बाद कई बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती है.
साल 2019 में नार्को टेस्ट की रिपोर्ट आई थी. जिसके मुताबिक मैनेजर ने कई प्रभावशाली लोगों का नाम लेकर उन्हें पैसे देने की बात की थी. उन्होंने बताया था कि पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल और रामविचार नेताम, राजेश मूणत सहित कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपये दिए थे. बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए. ऐसे में जांच आगे बढ़ेगी तो प्रभावशाली लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है.