International Women day: 8 मार्च को इंटरनेशनल विमेंस डे मनाया जाएगा. इस दिन देश भर में महिलाओं के लिए कई आयोजन किए जाते हैं. साथ ही साथ सामाजिक - राजनीतिक के अलावा अन्य क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली महिलाओं के योगदान को याद किया जाता है और उन्हें सम्मानित किया जाता है. इससे पहले हम आपको बताने जा रहे हैं छत्तीसगढ़ की पहली महिला IAS और IPS के बारे में जिनका नाम सुनते ही नक्सली कांपने लगते हैं. 


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IAS किरण कौशल 
विमेंस डे से पहले हम बात करने जा रहे हैं छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईएएस किरण कौशल के बारे में. किरण कौशल को छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली महिला आईएएस बनने का गौरव प्राप्त हुआ. ये एक मात्र महिला IAS हैं जो 4 जिलों की कलेक्टर रह चुकी हैं. कोरोना काल में किरण कौशल के मॅाडल को अन्य जिलों में फॅालो किया गया था. बता दें कि किरण कौशल ने साल 2003 और 2005 में दो बार राज्य की पीएससी परीक्षा पास की और 2003 में जिला महिला बाल विकास अधिकारी और 2005 में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुईं, इसके बाद इन्होंने साल 2009 में यूपीएससी की परीक्षा क्रैक की और छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईएएस होने का गौरव प्राप्त किया. ये मूल रूप से दुर्ग जिले की रहने वाली हैं. 


IPS अंकिता शर्मा 
छत्तीसगढ़ की पहली महिला  IPS बनने का गौरव अंकिता शर्मा को प्राप्त हुआ. अंकिता शर्मा को लेडी सिंघम के नाम से भी जाना जाता है. अंकिता शर्मा के रवैय्ये से नक्सलियों की रुहें कांपती हैं. अंकिता शर्मा का जन्म साल 1990 में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में हुआ था. ये बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी थी. नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में अंकिता शर्मा नक्सल ऑपरेशन की इंचार्ज भी रह चुकी हैं. बता दें कि अंकिता शर्मा राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग के दौरान फील्‍ड ट्रेनिंग के लिए छत्‍तीसगढ़ के घाटापारा में पहली पोस्टिंग दी गई थी.