Chhattisgarh News/शैलेन्द्र सिंह बघेल: बलरामपुर जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर बसे ग्राम बड़किमहरी में सरकार पेंशन योजना की राशि नहीं मिलने से निराश-हताश ग्रामीण कलेक्टर से मिलने पहुचे. उन्होंने कलेक्टर से लिखित शिकायत कर तत्कालीन पंचायत सचिव पर कार्रवाई की मांग की. ग्रामीणों का आरोप है कि जीवित बुजुर्गों को तो योजना की राशि मिल नहीं रही, लेकिन 7 मृत वृद्धजनों के नाम पर योजना की राशि दी जा रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि सरकार की ओर से चलने वाली पेंशन योजना में पात्र हितग्राहियों को पहले 350₹ महीना दिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 500₹ कर दिया गया है. पेंशन योजना के तहत मिलने वाली राशि बुजुर्गों के लिए एक बड़े सहारे का काम करती है. इस गांव के तत्कालीन सचिव ने लगभग तीन दर्जन से ज्यादा हितग्राहियों को पेंशन की राशि का वितरण नहीं किया. पात्र हितग्राहियों को पेंशन की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजने का प्रावधान है. इसके अलावा गांव के कुछ ऐसे भी बुजुर्ग हितग्राही हैं जिनको पेंशन की राशि नगद दी जाती है. गांव में किसी हितग्राही को एक साल तो किसी हितग्राही को 6 से 8 महीने से योजना की राशि नहीं दी गई.


खाते में नहीं पहुंच रही पेंशन की राशि
अब पेंशन की राशि को निकालने के लिए हितग्राही बैंक के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन खाते में योजना की राशि नहीं पहुंचने से ग्रामीण मायूस हैं. इन सब के बीच दिलचस्प तो यह है कि मृत हो चुके 7 ऐसे हितग्राही हैं जिनका नाम पेंशन योजना में अभी भी जुड़ा हुआ है और उनके खाते में योजना की राशि भी भेजी जा रही है. जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार ने कैसे अपनी जिम्मेदारी की पूर्ति की होगी.


जांच के बाद होगी कार्रवाई
फिलहाल कलेक्टर ने बुजुर्गों की फरियाद सुन जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है, लेकिन जांच और कार्रवाई कब तक होगी यह कह पाना मुश्किल ही है. ऐसा इसलिए क्योंकि  सरकारी फाइलों में इस तरह के हजारों मामलों की जांच दबा दी जाती है या तो ग्रामीणों की फरियाद वापस करवा ली जाती है! सरकार की पेंशन जैसी महत्वपूर्ण योजना जो बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग हितग्राहियों के लिए एक बड़ा सहारा होती, लेकिन इस योजना का हाल जब मुख्यालय से लगे हुए गांव में ऐसा है तो जिले के दूरस्थ इलाको में इसका संचालन कैसे किया जा रहा होगा. ये अंदाजा आप साफ साफ लगा सकते हैं.