ओपी तिवारी/सूरजपुर: तकनीकी ज्ञान के लिए खोला गया जिले के चंद्रा गांव का आईटीआई स्कूल इन दिनों विवादों में है. कारण है यहां के प्रिंसिपल सत्यनारायण मिश्रा. चेंद्रा आईटीआई स्कूल के छात्रों ने वहां के प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद सनसनी फैल गई. इतना ही नहीं बच्चों ने प्रिंसिपल का एक वीडियो भी वायरल कर दिया. आरोप है कि वो बच्चों को पैसा लेकर परीक्षा में पास कराते हैं. इसी के कारण उन 25 छात्रों ने जिन्होंने पैसा नहीं दिया तो उनके नाम काट दिए गए. छात्रों ने इसकी शिकायत आईटीआई के नोडल प्रभारी से लेकर कलेक्टर तक से की है. 


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छात्रों ने वीडियो किया वायरल 
छात्रों ने एक वीडियो भी वायरल किया है जिसमें आरोपी शिक्षक पैसे की लेनदेन करते दिख रहा है.आरोप है कि बावजूद इसके अभी तक आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है. इससे नाराज होकर छात्रों में आक्रोश बढ़ रहा है. स्कूल के छात्रों का आरोप है कि एडमिशन से लेकर पास होने तक के लिए प्रिंसिपल सत्यनारायण मिश्रा बच्चों से पैसे की मांग करते हैं और जो बच्चे नहीं दे पाते हैं उनको प्रताड़ित किया जाता है. अभी कुछ दिन पहले पैसे ना देने की वजह से 25 छात्रों के नाम काट दिए गए हैं, जिसकी शिकायत छात्रों ने जिले के नोडल प्रभारी सहित कलेक्टर से की. बावजूद इसके अभी तक प्रिंसिपल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. आक्रोशित छात्र अब आंदोलन की बात कर रहे हैं.


बता दें उन छात्रों ने एक वीडियो भी वायरल किया जा रहा है जिसमें प्रिंसिपल सत्य प्रकाश मिश्रा छात्र से पैसे मांगते हुए और पैसे लेते हुए दिख रहे हैं. मामले को लेकर जब जी मीडिया प्रिंसिपल से मिलने आईटीआई स्कूल पहुंची तो वहां पता चला कि जब से छात्रों ने कलेक्टर से शिकायत की है उसी दिन से वह हाजिरी रजिस्टर में अपना अटेंडेंस लगा कर फरार हो चुके हैं.


नोडल अधिकारी ने दी सफाई
आईटीआई के नोडल अधिकारी ये तो मान रहे हैं कि प्रिंसिपल सत्य प्रकाश मिश्रा ने बच्चों से पैसे मांगे हैं और उन्हें प्रताड़ित करने के लिए उनके नाम काट दिए, लेकिन वह नियमों का हवाला देते हुए यह भी कह रहे हैं कि जिन बच्चों के नाम कटे हैं अब उनका नाम फिर से जोड़ पाना संभव नहीं है. साथ ही इस पूरे मामले की जानकारी अपने बड़े अधिकारी को दे चुके हैं और जल्द ही प्रिंसिपल पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.


शिक्षक बच्चों का भविष्य बनाने वाला होता है. ऐसे में कुछ शिक्षक इस सम्मानित पद को कलंकित करने में लगे हुए हैं. वहीं आईटीआई प्रबंधन पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं. जब प्रबंधन इस बात को मान रहा है कि शिक्षक के द्वारा गलत तरीके से बच्चों के नाम काटे गए हैं तो आखिर उन बच्चों के नाम फिर से क्यों नहीं जोड़े जा रहे हैं? आखिर क्यों एक भ्रष्ट शिक्षक की गलती का खामियाजा यह छात्र भुगत रहे हैं ?