रूपेश गुप्ता/रायपुर। झारखंड में चल रहे सियासी संकट के बीच अब गठबंधन सरकार के सभी विधायक छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं. दो दिन पहले भी यह खबर आई थी कि झारखंड के विधायक छत्तीसगढ़ आ सकते हैं. लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ था. लेकिन अब बताया जा रहा है कि गठबंधन के सभी विधायक रायपुर पहुंच रहे हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद विधायकों लेकर सीएम हाउस से निकले हैं. वहीं विधायकों को लेकर रायपुर एयरपोर्ट पर भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. 


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विधायकों को बस से लेकर एयरपोर्ट पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन 
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद 2 बस में सभी विधायकों को लेकर एयरपोर्ट पहुंचे. यहां से सभी इंडिगो की फ्लाइट से रायपुर के लिए उड़ान भरेंगे. विधायकों के एयरपोर्ट पर पहुंचने पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी. बताया जा रहा है कि इन विधायकों में हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम JMM कांग्रेस, आरजेडी विधायक हैं. इन सभी विधायकों को रायपुर के  मेफेयर रिसॉर्ट ले जाने की चर्चा है. इसके पहले एक-एक कर सभी विधायक सीएम हाउस पहुंचे थे. जहां से वह रायपुर के लिए निकले. 


खनन मामले में रद्द हुई है हेमंत सोरेन की विधायकी 
दरअसल, के झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी एक खनन मामले में रद्द कर दी गई है. झारखंड के राज्यपाल राज्यपाल रमेश बैस ने चुनाव आयोग की तरफ से भेजी गई अनुशंसा पर यह फैसला लिया है. जिसके बाद प्रदेश में सियासी संकट बढ़ा दिख रहा है. ऐसे में महागठबंधन सरकार अलर्ट हो गई है और आगे की रणनीति के लिए जेएमएम कांग्रेस और गठबंधन में शामिल अन्य विधायकों की बैठकें हुई हैं. आखिरकार दो दिन बाद सभी विधायकों को रायपुर ले जाया जा रहा है. 
 
छत्तीसगढ़ क्यों लाए जा रहे हैं झारखंड के विधायक 
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, जबकि झारखंड में कांग्रेस की गठबंधन सरकार है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी अच्छे संबंध है ऐसे में विधायकों के लिए छत्तीसगढ़ सेफ रह सकता है. क्योंकि सीएम सोरेन की विधायकी रद्द होने के बाद झारखंड में गठबंधन सरकार को टूट का डर सता रहा है. यही वजह है कि सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शिफ्ट किया जा रहा है. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन पूरी तरह से एक्टिव हैं. 


क्या है पूरा मामला 
बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची जिले के अनगड़ा ब्लॉक में 0.88 एकड़ ज़मीन का खनन पट्टा मिला था. दस्तावेजों के मुताबिक 28 मई 2021 को हेमंत सोरेन ने आवेदन दिया और उन्हें 15 जून 2021 को मंजूरी मिल गई थी. इसके बाद 9 सितंबर को पर्यावरण विभाग से मंजूरी मांगी गई. जो 22 सितंबर को मिल गई. 11 फरवरी 2022 को बीजेपी ने राज्यपाल से मिलकर शिकायत की  ये लाभ के पद का मामला बनता है और सीएम खुद के नाम से खनन पट्टा नहीं ले सकते. इस पूरे मामले में जांच के बाद चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में CM हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश राज्यपाल से की थी. चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द कर दी है. जिसके बाद अब झारखंड की सरकार पर सबकी नजरे हैं.