Kanker News: कांकेर। छत्तीसगढ़  (Chhattisgarh News) में आज से स्कूलों की सत्र (First Day Of School) शुरू हो गया. दिनभर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सो से बच्चों के स्वागत की तस्वीरें सामने आईं. लेकिन, कांकरे जिले से एक शाला अध्यक्ष का अजब-गजब कारनाम भी सामने आया. जिस कारण बच्चों को निराश होकर पहले ही दिन स्कूल से वापस लौटना पड़ा. जबकि, बच्चों का स्वागत करने आए शिक्षक स्कूल के बाहर ही बैठे रहे.


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कहां का है मामला
मामला कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर का है. यहां सत्र के पहले ही दिन दमकसा गांव में शाला समिति के अध्यक्ष ने शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला में ताला जड़ दिया है. स्कूल भवन में ताला जड़ने के कारण स्कूल के पहले ही दिन छात्रों को वापस लौटना पड़ा है तो वही शिक्षक स्कूल के प्रांगण में बैठे रहे.


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क्यों लगाया ताला
शाला समिति के अध्यक्ष संतोष दुग्गा चाहते हैं कि स्कूल का नाम उनके पिता के नाम पर रखा जाए. लेकिन, लंबे समय से उनकी ये मांग नहीं मानी गई. इस कारण उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए स्कूल में ताला लगा दिया है.


किस आधार पर कर रहे मांग
शाला समिति के अध्यक्ष संतोष दुग्गा के पिता अविनाश दुग्गा ने स्कूल भवन के लिए जमीन 1983- 84 दान की थी. जिसको लेकर अब संतोष दुग्गा स्कूल भवन का नाम उनके पिता अविनाश दुग्गा के नाम करने की मांग कर रहे हैं. संतोष दुग्गा का कहना है कि उसने सीएम भूपेश बघेल को भी भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान आवेदन देकर मांग रखी थी इसके अलावा जिला प्रशासन को भी उसने कई दफा आवेदन दिया है लेकिन मांग पूरी नही हुई.


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प्रशासन को दिया अल्टीमेटम
अब संतोष दुग्गा ने इसे लेकर उन्होंने अल्टीमेटम दिया है और स्कूल भवन में ताला लगा दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी वो स्कूल संचालित नहीं होने देंगे. मामले की सूचना भानुप्रतापपुर में प्रशासनिक अधिकारियों को भी दी गई है. हालांकि, मामले में स्कूल के प्राचार्य ने भी हाथ खींच लिया है.


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