Kawardha News: सतीश तंबोली/कवर्धा। किसान के पास बंपर उत्पादन हो तो समस्या न हो तो समस्या. उन्हें कम उत्पादन होने पर फसल का लागत में घाटा सहना पड़ता है. वहीं कई बार अधिक उत्पादन होने के कारण उन्हें उचित दाम नहीं मिल पाता. ऐसा ही कुछ इन दिनों हो रहा है. छत्तीसगढ़ के कवर्धा के किसानों के साथ. यहां किसान 100 रुपये प्रति कैरेट की लागत से टमाटर उत्पादन कर रहे हैं. उन्हें इसकी एवज में मंडी से महज 50 से 80 रुपये ही मिल रहे हैं. ऐसे में वो काफी परेशान हैं.


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बंपर उत्पादन ने बढ़ाई समस्या
इस सीजन टमाटर का बंपर उत्पादन के चलते टमाटर उगाने वाले किसान को टमाटर का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. टमाटर कृषकों की मानें तो बंपर उत्पादन के चलते टमाटर की मांग बाहर नहीं है, जिसके चलते अब टमाटर की खपत स्थानीय स्तर पर ही रह गई है.


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30 से 50 रुपये का घाटा
पहले बाहर में टमाटर का उत्पादन कम होने के कारण यहां के टमाटर के बाहर में अच्छी खासी मांग होती थी और उन्हें बहुत अच्छा दाम भी मिल पाता था. लेकिन, इस सीजन की स्थिति बिल्कुल विपरीत है. जो टमाटर पिछले साल 25 किलो का कैरेट हजार रुपए में बिकता था, वह 25 किलो का कैरेट आज मात्र 80 रुपये में बिक रहा है.


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तलाश रहे फुटकर का विकल्प
कई किसान मंडी में सही मूल्‍य नहीं मिलने की वजह से अपना टमाटर बेचने भी नहीं जा रहे हैं. वहीं कई किसान तो फुटकर के रेट में ही अपनी फसल बेंच रहे हैं. ऐसा इसलिए की उनके मंडी जाने का खर्च कमसे कम बच जाएगा, लेकिन ऐसा करने से वो अपनी सारी फसल भी नहीं बेंच पा रहे हैं.


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उम्मीद लगाए बैठे किसान
टमाटर उगाने वाले किसानों की माने टमाटर उगाने में उन्हें 100 प्रति कैरेट खर्च आ रहा है, जबकि टमाटर बेचने के बाद उनके हाथ में मात्र 50 रुपये प्रति कैरेट ही लगते हैं. इसे भी वो मंडी आने जाने के लिए खर्च कर दे रहे हैं. ऐसे में उनकी परेशान पढ़ रही है. अब घाटे में चल रहे किसान केवल टमाटर के रेट बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे हैं.