कोंडागांव/चम्पेश जोशी: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरित हुए दो दर्जन लोग अपने समाज में लौट आए हैं. जिसके बाद ग्रामीणों ने नारियल भेंट कर इन लोगों का फिर से समाज में स्वागत किया है. बता दें कि गांव के सभी लोगों ने आराध्य देवी शीतला माता में माथा टेक कर घर वापसी की है.ये सभी लोग फरसगांव प्रखंड के आदवाल गांव के रहने वाले हैं. गौरतलब है कि आदिवासी समाज ने कुछ दिन पूर्व बैठक कर सभी को अपने समाज में लौटने की अपील की थी. 


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क्या है पूरा मामला?
बता दें कि जिले में लगातार हो रहे धर्म परिवर्तन को लेकर आदिवासी समाज नाराज चल रहा था.यही वजह थी कि कुछ दिन पहले ही आदिवासी समाज ने एक विशाल बैठक कर सभी आदिवासी समाज के लोगों से अपील की थी कि जो भी धर्म परिवर्तन कर चुके हैं.वह अपने मूल धर्म पर वापस आ जाएं, अन्यथा उन्हें समाज से बाहर कर दिया जाएगा.


आदिवासी अपने मूल धर्म में लौट चुके हैं वापस
आज फरसगांव ब्लॉक के आदवाल गांव में बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन कर चुके आदिवासी अपने मूल धर्म में वापस लौट चुके हैं. ग्रामीणों ने उन्हें अपनी आराध्य देवी के सामने माथा टेकने को कहा और नारियल देकर मूल धर्म में वापस ले लिया.


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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी धर्म परिवर्तन के कई मामले सामने आ चुके हैं. पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने धर्म परिवर्तन को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आगे कहा कि स्वार्थ के आधार पर जुड़ा समाज बार-बार टूटता है. सत्य के आधार पर जोड़ना है. हिंदुत्व एकता का सूत्र है. संघ को समझने का अच्छा तरीका है संघ में आना. शाखा में आना शुरू कर के ही संघ को जाना जा सकता है. कोई फीस नहीं लगता संघ की शाखा में आने का शक्कर कितना मीठा है खाकर ही जाना जा सकता है. अलगाव की बात चलती है. लेकिन सबको एक रहना है. सबके अलग-अलग देवी देवता है.