Godhan Nyay Yojana: गोबर बेचकर पूरा हो रहा है डॉक्टर बनने का सपना! कांकेर मेडिकल कॉलेज में हुआ दाखिला,जानें कहानी
Medical College Fees Paid By Godhan Nyay Yojana: गोबर बेचने से मिले पैसों से एक पशुपालक ने कोटा में अपने बेटे की NEET परीक्षा की कोचिंग की व्यवस्था की. साथ ही मेडिकल कॉलेज दाखिले में भी यह राशि आई काम.
सरवर अली/मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर: छत्तीसगढ़ में शुरू हुई गांव-गांव गोबर खरीदी से ग्रामीणों को कई प्रकार की सुविधाएं मिल रही हैं. गोधन न्याय योजना से मिलने वाली राशि का उपयोग ग्रामीण पशुपालक अब अपने बच्चों की स्कूली पढ़ाई-लिखाई और उच्च शिक्षा के लिए कर रहे हैं. मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के आलोक सिंह का नीट परीक्षा के लिए कोचिंग की फीस और मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए गोधन न्याय योजना से मिली राशि बहुत काम आई है. नगर पालिका मनेन्द्रगढ़ के वार्ड नं 15 के रहने वाले आलोक के पिता संतोष सिंह का मानना है कि उनके जीवन में गोधन न्याय योजना ने खुशियों के रंग भर दिए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील की हमेशा योजना चलती रहे जिससे गोपालक को हमेशा लााभ मिलते हैं.
मुख्यमंत्री का किया आभार व्यक्त
संतोष ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना सच में हम जैसे जरूरतमंद लोगों के बड़े सपनों को साकार करने वाली योजना है. आपके इस जनहितैषी योजना से आज मेरा भी सपना पूरा हुआ है. उन्होंने बताया कि आलोक के नीट परीक्षा के कोचिंग के लिए गोधन न्याय योजना की राशि बहुत काम आई. इसी योजना की राशि से कांकेर मेडिकल कॉलेज की फीस भरी गई.
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गोधन न्याय योजना से सपना हुआ पूरा
आलोक के पिता संतोष बताते हैं कि उन्हें जैसे ही बेटे की सफलता का पता चला पूरे परिवार में खुशियों की लहर दौड़ पड़ी क्योंकि सभी का चाहते थे कि आलोक डॉक्टर बनकर परिवार का नाम रोशन करे. वे बताते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति को देखकर हमने कभी नहीं सोचा था कि यह दिन भी आएगा क्योंकि एक साधारण आठ सदस्यीय पशुपालक परिवार के रूप में यह सोचना भी हमारे लिए सपना था,लेकिन गोधन न्याय योजना से यह सपना आज पूरा हुआ है.
उन्होंने बताया कि उनके पास लगभग 40 पशु हैं. छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की शुरुआत से वह गोबर विक्रय कर रहे हैं.उन्होंने अब तक कुल 3 लाख 25 हजार रुपये का गोबर बेचा है.उन्होंने बताया कि 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आलोक ने राजस्थान स्थित कोटा से नीट की परीक्षा हेतु कोचिंग करने की इच्छा जाहिर की.कोचिंग हेतु फीस का पूरा खर्च गोबर विक्रय से प्राप्त राशि से हो गया और आज बेटे की सफलता ने मुझे गौरवान्वित किया. आलोक का दाखिला कांकेर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में हो गया है.
कांकेर मेडिकल कॉलेज में मिला दाखिला
आलोक ने बताया कि मेरे पिता ने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचकर मुझे कोटा में नीट परीक्षा के कोचिंग कराई और अब कांकेर मेडिकल कॉलेज दाखिला कराया है. मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं.
योजना से पशुपालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई
नवगठित मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के कलेक्टर पीएस ध्रुव ने बताया कि गोधन न्याय योजना से पशुपालकों 2 रुपये किलो गोबर को गौठानों में बेच रहे हैं.इससे पशुपालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है.जैसे अभी संतोष सिंह ने 3 लाख 25 हजार रुपये का गोबर बेचा है.जिससे उन्होंने अपने बेटे का कांकेर के मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराया है.