Chhattisgarh Assembly Elections: छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा चुनाव है. जहां एक तरफ इसे लेकर के भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों पार्टियां अपनी ताकत लगाने में जुटी हुई हैं. वहीं दूसरी तरफ माओवादियों ने प्रेस नोट जारी करके आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया है. इसके अलावा माओवादियों ने चुनाव के समय दोनों पार्टियों को मार भगाने का जिक्र किया है. इसके अलावा भी और भी बहुत कुछ कहा है. आइए जानते हैं.


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भाजपा- कांग्रेस पर साधा निशाना
माओवादियों ने आगामी विधानसभा चुनाव का वहिष्कार किया है. साथ ही साथ केंद्र और राज्य सरकार की नाकामियों को गिनाया है. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए माओवादियों ने केंद्र और राज्य सरकार बनने से पहले पार्टी के घोषणा पत्र और उसके बाद उसमें कितने काम हुए हैं इसका जिक्र किया है.


साथ ही साथ भाजपा सरकार पर भी माओवादियों ने ED और NIA का गलत उपयोग करने का आरोप लगाया है.


अपने पत्र में किया जिक्र
कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शराबबंदी, तेंदूपत्ता दर बढ़ोत्तरी से जुड़े वायदों के अलावा राज्य को कर्जदार बनाने, 5 साल में 54 कैम्प खोलकर बस्तर को छावनी में तब्दील करने हवाई बमबारी, ताड़बल्ला, सिलगेर में नरसंहार,जेलों में बन्द आदिवासियों की रिहाई का झूठा प्रचार, आरक्षण में कटौती,बैलाडीला की पहाड़ियों को बिना ग्राम सभा के अडानी को लीज पर देकर आदिवासियों के शोषण का करने का काम कांग्रेस ने किया है.


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केंद्र पर कहा
भाजपा सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए माओवादियों ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा महंगाई, महिलाओं पर अत्याचार,जीएसटी,बेरोजगारों से नौकरी के झूठे वादे,किसानों की कर्जमाफी का झूठा वादा, देशभर में 11 लाख आदिवासियों को बेदखल करने का काम किया गया है.


दोनों ही पार्टियों को जनविरोधी करार देते विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. इसके अलावा नक्सली लीडर्स ने कहा है कि भाजपा कांग्रेस चाहे जिस पार्टी का नेता अगर वोट मांगने आए तो उन्हें मार कर भगया जाए. 


माओवादियों के इस एलान के बाद सियासत में हल चल मच गई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार करना कठिनाई से भरा होगा.