कैलाश जायसवाल/बालौदाबाजार: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम विश्व भर में फैले करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र बिंदु हैं. प्रभु श्रीराम के नाम में ही इतनी ताकत है कि पत्‍थरों पर राम नाम लिखने से वे समुद्र में तैरने लगे थे ऐसे ही कई चमत्कार हमें देखने को मिलते हैं जिन्हे लोग राम का वरदान मानते हैं. ऐसा से ही एक चमत्कार 83 साल पहले छत्तीसगढ़ के इलाके भाटापारा में देखने को मिला था. वजह अकाल सूखे से सभी लोग परेशान थे तब अयोध्या के एक महात्मा के कहने पर शहर के सभी लोगों ने साथ बैठकर पहली बार सामूहिक रूप से रामनाम का पाठ किया था. लोगों का दावा है कि 24 घंटे में ही मूसलाधार बारिश शुरू हो गई और लोगों को राहत मिली. तब का दिन है और आज का यहां हर वर्ष रामनाम सप्ताह का आयोजन किया जाता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राम नाम की शक्ति से महरबान हुए थे इंद्रदेव


छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम का ननिहाल होने के कारण यहां के लोगों में भगवान राम के प्रति गहरी आस्था और स्नेह है. हमारे ऋषि मुनि विद्वान सब राम नाम का नाम जपने का परामर्श देते हैं. इसी से जुडा एक रोचक इतिहास भी है. दरअसल, बात 1937 की है राजधानी रायपुर से 95 किलोमीटर दूर भाटापारा में 83 साल पहले भयंकर सूखा पड़ा था. आषाढ़ और सावन में बारिश नहीं हुई थी. तब पूरे छत्तीसगढ़ में अकाल की स्थिति बन गई थी. इसी बीच अयोध्या के महात्मा सालिक राम दास चेलों के साथ भाटापारा पहुंचे. वर्तमान में जहां रामनाम सप्ताह का मंदिर है वहां वे टेंट लगाकर रहने लगे. तब नगरवासी उनके पास पहुंचे और अपनी परेशानी बताई. कहा जाता है कि महात्मा ने उनसे लगातार सात दिनों तक राम नाम का जाप अखंड रूप से जपने को कहा. महात्मा की सलाह पर लोगों ने विचार किया और भादवा सुदी द्वितीया से रामनाम का जप शुरू किया. 24 घंटे में ही पूरे इलाके में भयंकर बारिश होने लगी. 


लोगों ने जारी रखा भक्ति का क्रम 


इस चमत्कार के बाद उस स्थान पर रायपुर से एक और महात्मा पं. विष्णुशंकर भी पहुंचे. उन्होंने लोगों को प्रेरणा दी कि जब इतनी बड़ी प्राकृतिक आपदा रामनाम के पाठ से दूर हुई है तो भक्ति के इस क्रम को जारी रखें. इससे नगर के लोगों पर कभी परेशानी नहीं आएगी. बस तब से भाटापारा में आज तक यह परंपरा कायम है. हर साल यहां भादवा सुदी द्वितीया की सुबह 6 बजे से इसकी शुरुआत होती है और हफ्तेभर तक राम नाम का जाप होता है. जिसमें करीब डेढ़ से दो लाख लोग शामिल होते हैं. 


हर्षोल्लास के निकलती है भव्य शोभा यात्रा


राम नाम के जाप के लिए रोज 12 भजन मंडलियां तय होती है। इसमें नगरवासी ही होते हैं। दिन में दो-दो घंटे व्यापारी वर्ग व उससे जुड़े लोग भजन करते हैं तो शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक मजदूर व किसान वर्ग. जो लोग दिन में समय नही दे पाते वे रात में भजन करते हैं ताकि उनकी रोजी प्रभावित न हो. राम सप्ताह के बाद दो दिन तक शहर की महिलाएं लगातार राम नाम का जाप करती हैं. महिलाएं भजन कीर्तन कर राम सप्ताह की परिक्रमा करती हैं. हर साल राजनीतिक दल शोभायात्रा के दिन मंच बनाकर स्वागत करते हैं. शोभायात्रा में हर धर्म के लोग शामिल होते हैं, मानो पूरा शहर एक परिवार रामनाम सप्ताह के दौरान पूरा शहर एक परिवार बन जाता है. धर्म, समाज, मोहल्लों की दीवारें ढह जाती हैं. इस आयोजन के लिए सब तन-मन-धन से जुटते हैं. जन्माष्टमी के दूसरे दिन यानी कल दोपहर दो बजे से निकलने वाली शोभायात्रा रात दो बजे तक नगर भ्रमण करती है. भजन मंडलियों के मांदर, मंजीरे की थाप से पूरा शहर गूंजने लगता है. जगह-जगह उनका स्वागत होता है. शहरवासी व सामाजिक संस्थाएं मेहमानों का स्वागत करते हैं.