रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र की अधिसूचना जारी हो गई है. इस बार 20 जुलाई से 27 जुलाई तक मानसून सत्र चलेगा. इस बार के मानसून सत्र में केवल 6 बैठकें होंगी. अधिसूचना जारी होने बाद से ही सत्र की अवधि को लेकर राजनीति होने लगी है. विपक्ष ने सरकार पर जनता के मुद्दे दबाने के आरोप लगाते हुए सत्र की अवधि को बढ़ाने की मांग की है.


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14 वें सत्र में केवल 6 बैठकें
बता दें विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा ने गुरुवार को यहां बताया कि छत्तीसगढ़ की पांचवी विधानसभा का 14 वां सत्र बुधवार 20 जुलाई से शुरू होगा तथा 27 जुलाई तक चलेगा. इस सत्र में कुल छह बैठकें होंगी. उन्होंने बताया कि सत्र के सभी कार्य दिवसों में प्रश्नोत्तर काल होगा तथा शासकीय कार्य संपादित होंगे. वहीं 22 जुलाई (शुक्रवार) को अंतिम ढाई घंटे अशासकीय कार्य के लिए होंगे.


नेता प्रतिपक्ष ने क्या कहा
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार चाहती है जनहित के मुद्दों पर चर्चा ना हो. जिस तरह प्रदेश में समस्याएं है उन समस्याओं को देखकर 10 बैठकों की मांग की थी. यह सरकार जानबूझकर सत्र छोटा बुलाती है, जिससे सत्र में विपक्ष को जनता के मुद्द उठाने के लिए पर्याप्त समय न मिल पाए. सरकार चाहती है जनहित के मुद्दों पर चर्चा ना हो. वहीं कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है वो बस राजनीति कर रहे हैं.


हो सकता है हंगामा
मानसून सत्र में राज्य सरकार अपने प्रस्तावित कार्यों को सदन की पटल में रखेगी. शासकीय कार्य के बाद जमकर हंगामा हो सकता है. क्योंकि बजट सत्र से ही विपक्ष आक्रामक मोड में नजर आ रही थी. इस बार मानसून के साथ खरीफ फसल की तैयारी में किसान जुट गए हैं. लेकिन पिछले वर्ष की ही तरह इस बार भी खाद की किल्लत सामने आ रही है. विपक्ष की कोशिश होगी की वो इन मुद्दों पर सरकार को घेरे हालांकि सरकार की तरफ से कोशिश होगी की वो इन सात दिनों में अपने सारे काम निपटा ले.


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