Mysterious Cave of Chhattisgarh: किशोर शिल्लेदार/खैरागढ़। खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले के घने जंगलों में स्थित ऐतिहासिक मंडीप खोल गुफा साल में एक बार खुलती है. हर साल अक्षय तृतीया के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार को एक दिन के लिए इस गुफा के द्वार खोले जाते है. ऐसा इस साल भी हुआ. इस दौरान गुफा में स्थित प्राचीन शिवलिंग की पूजा अर्चना क्षेत्र के ठाकुरटोला रियासत के सदस्यों द्वारा की गई और काफी संख्या में सैलानी यहां पहुंचे.


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पहुंचने के लिए 16 बार पार करनी पड़ती है एक ही नदी
सबसे खास बात की गुफा तक पहुंचने के लिए एक ही नदी को 16 बार पार करना पड़ता है. गुफा के द्वार साल में एक बार ही खुलते हैं इस कारण अक्षय तृतीया के बाद पड़ने वाले सोमवार के दिन यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं. 


राजपरिवार ने बताए रहस्य
राजपरिवार के सदस्यों ने बताया कि गुफा के अंदर कई रहस्य छुपे हुए हैं. गुफा में चमकीले पत्थर पाये जाते हैं तथा मीना बाजार, अजगर गुफा, चमगादड़ गुफा, श्वेत गंगा भी है.


राजपरिवार का सदस्य ही करता है पूजा
राजपरिवार के सदस्यों ने बताया कि उनके परिवार के द्वारा ही अक्षय तृतीया के बाद पहले सोमवार को मंडीप खोल गुफा में प्रवेश किया जाता है तथा गुफा में विराजमान शिवलिंग की पूजा की जाती है. साल में एक बार खुलने वाली इस गुफा में पीढ़ियों से क्षेत्र की रियासत के राज परिवार के सदस्यों द्वारा पूजा की जा रही है.


किसी के पास नहीं कारण का जवाब
गुफा का द्वारा साल में सिर्फ एक बार ही क्यों खोला जाता है. इसके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं है. लागों की मानें तो यहां पहले चली आ रही मान्यता का पालन किया जा रहा है. यहां छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशों से सैलानी बड़ी तादाद में पहुंचे.