हेमंत संचेती/नारायणपुर: जिले के सरगीपाल में शाला त्यागी बच्चों का शोषण कर रहे हैं. लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार नियमों को ताक पर रखकर नाबालिक बच्चों से सड़क निर्माण कार्य में बैखौफ काम कराया जा रहा है. इतना ही नहीं नाबालिक बच्चों से काम कराने के साथ-साथ इन्हें मजदूरी भी कम दी जा रही है. वहीं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी रविकांत ने नाबालिक से काम कराने के मामले पर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ श्रम विभाग के नियमों के तहत कार्रवाई करने की बात कही है.


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नियमों को ताक पर रखकर कराया जा रहा काम
दरअसल नारायणपुर जिले के सरगीपाल में लोक निर्माण विभाग द्वारा सरगीपाल से अबूझमाड़ के कंदाड़ी होते हुए सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है. सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा शाला त्यागी कक्षा दूसरी, तीसरी के छात्राओं से कम मजदूरी में नियमों को ताक पर रखकर काम कराया जा रहा है. जिसको लेकर जब विकासखंड शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने शाला त्यागी बच्चों का चयन कर उन्हें स्कूल में लाने का कार्य गांव में संचालित स्कूल का होता है. शाला त्यागी बच्चों से मजदूरी कराने के मामले की जांच कर उच्च अधिकारी को अवगत कराया जाएगा.


जानिए क्या कहा बाल विकास अधिकारी ने
वहीं इस पूरे मामले पर महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी रविकांत ने बताया कि नाबालिक बच्चों से सड़क निर्माण कार्य में काम करने की शिकायत मिली थी, जिसकी जांच कराई गई तो मामला सही पाया गया. संबंधित ठेकेदार के खिलाफ श्रम नियमों के तहत कार्यवाही करने श्रम विभाग को निर्देशित करने की बात कही. उन्होनें कहा कि ग्रामीण इलाकों में कम उम्र के शाला त्यागी बच्चों की काउंटिंग कर उन्हें फिर से शिक्षा के प्रति जागरूक कर पढ़ाने के लिए बड़े-बड़े अभियान चलाए जाते हैं. इन अभियान की जमीनस्तर पर कितना क्रियावयन किया जाता है. 


नाबालिक बच्चों से मजदूरी कराना अपराध
बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (क) में 06 साल से 14 साल तक के बच्चे को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्राप्त है. इसलिए 14 साल से कम उम्र के बच्चे से मजदूरी अपराध की श्रेणी में आता है. यदि किसी विशेष परिस्थिति में बच्चे से काम लिया जाता है तो इसकी सूचना श्रम विभाग के अफसरों को दी जानी चाहिए.


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