Naxalites Rehabilitation Policy: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को लेकर सरकार सबसे ज्यादा अलर्ट नजर आ रही है, पिछले कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर नक्सलियों ने सरेंडर किया है. जबकि अब सरकार नक्सलवाद खत्म करने के लिए नई सरेंडर पॉलिसी (समर्पण नीति) लाने की तैयारी में है, इस बात की जानकारी राज्य के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने दी है. उन्होंने बताया कि सरेंडर पॉलिसी के खुद नक्सलियों से भी सुझाव मांगें जाएगे, जबकि इसके लिए हर वर्ग सुझाव दे सकता है. इसके लिए गूगल फॉर्म, क्यूआर कोड और मेल आईडी दी गई है, जिस पर पूरी जानकारी दी जा सकती है. 


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नक्सली दे सकते हैं सुझाव 


डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि नई पुनर्वास नीति को लेकर नक्सलियों से सुझाव मांगे गए हैं, उन्होंने अपील करते हुए कहा कि माओवादी बताएं अपनी पुनर्वास नीति में वह क्या चाहते हैं, उसी के आधार पर नीतियां बनाई जाएगी. क्योंकि  नक्सलियों के पुनर्वास की चिंता सरकार को है. नक्सली चिठ्ठी और वीडियो कॉल के जरिए भी अपनी बात कर सकते हैं, क्योंकि वह जो सुझाव देंगे उसी के आधार पर काम करेंगे. सरकार की पूरी कोशिश है कि नक्सलवाद को खत्म किया जाए. सीएम साय पहले ही कह चुके हैं कि हम नक्सलियों से बातचीत के लिए तैयार हैं. 


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मुख्यधारा में लौटना जरूरी 


विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों का मुख्यधारा में लौटना जरूरी हैं, जो लोग भटक चुके हैं या जिन्होंने हथियार उठा लिए हैं वह हथियार छोड़कर वापस लौट सकते हैं, इसलिए हम नई समर्पण नीति और पुनर्वास नीति बना रहे हैं. वहीं जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि यहां के नक्सली पड़ौसी राज्यों में जाकर सरेंडर कर रहे हैं, ऐसे में पड़ौसी राज्यों की नीतिया बेहतर हो सकती है, इस पर उन्होंने कहा कि हम पड़ौसी राज्यों की नीतियों को भी समझेंगे. मैं खुद जाऊंगा और वहां की नीतियों का अध्ययन करूंगा, क्योंकि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सरकार हर तरह से काम करने के लिए तैयार है. 


क्यूआर कोड भी जारी 


बता दें कि छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने नक्सलियों की पुनर्वास नीति के लिए डिजिटल फ्लेटफॉर्म का भी उपयोग किया है, जिसके लिए एक गूगल फॉर्म भी तैयार किया गया है, जबकि दो क्यूआर कोड भी हैं, वहीं एक ईमेल आईडी बनाई गई है. इन सभी पर भी सुझाव मांगे गए हैं, जिसमें नक्सलियों के साथ-साथ पत्रकारों और आम नागरिक भी सुझाव दे सकते हैं. पिछले कुछ महीनों में सरकार नक्सलियों को लेकर सबसे ज्यादा एक्टिव नजर आई है. पिछले 5 महीनों में 350 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जबकि 112 से ज्यादा नक्सली मुठभेड़ में मारे गए हैं. ऐसे में सरकार सबसे ज्यादा सरेंडर की पॉलिसी पर ध्यान दे रही है. 


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