बलराम नायक/गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक पटवारी का बड़ा कारनामा सामने आया है, क्योंकि इस पटवारी ने अपने फायदे के लिए आपदा को अवसर में बदल डाला और किसानों को मिलने वाले मुआवजे में लाखों रुपए की हेराफेरी कर ली. मामला सामने आने के बाद पटवारी के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश है. 


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इस तरह किया घोटाला
दरअसल, मामला गरियाबंद जिले के राजिम कौंदकेरा गांव का है, साल 2020-21 में बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई थी, जिसके बाद किसानों के नुकसान की भरपाई करने के लिए खराब हुई फसलों का सर्वे कर मुआवजा बांटा गया था. इसी मुआवजे में पटवारी ने घोटाला किया. 


पटवारी ने किसानों के खेतों में जाकर सर्वे करने की बजाए अपने घर में बैठकर अपने मन से ही नुकसान का सर्वे रजिस्टर कर दिया. पटवारी ने अपने चहेते किसानों का नुकसान ज्यादा दिखाकर उन्हें ज्यादा मुआवजा बांट दिया और इस तरह पटवारी ने लाखों रुपए का घोटाला किया. 


मामला सामने आने के बाद ग्रामीणों ने बताया कि पटवारी ने अपने चहेते किसानों का नुकसान ज्यादा चढ़ाया, जिससे उन्हें वास्तविकता से ज्यादा मुआवजा मिला, लेकिन जिन किसानों को वाकई में नुकसान हुआ था, उन किसानों के नाम पर राजस्व विभाग में उतना नुकसान दिखाया ही नहीं गया. यानि वास्तविक रूप से क्षतिग्रस्त हुए कृषकों के रकबा को घटाकर उनके हक का अनुदान दूसरे किसानों के खाते में डाल दिया गया. 


कलेक्टर से की कार्रवाई की मांग 
मामले की जानकारी जब वास्तविक किसानों को लगी तो उन्होंने गरियाबंद कलेक्ट्रेट पहुंचकर इस मामले की जांच कर दोषियों के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की है. किसानों की शिकायत पर गांव में जनचौपाल लगा और जांच अधिकारी के रूप में राजिम तहसीदार पहुंचे. उन्होंने जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वसन दिया है. बहरहाल किसानों में पटवारी के खिलाफ भारी आक्रोश है वही कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दिए है. 


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