Chhattisgarh Vidhansbha Chunav 2023: छत्तीसगढ़ में बने नए जिले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही दो विधानसभा सीटे आते हैं. एक मरवाही और एक कोटा. हालांकि, कोटा का कुछ हिस्सा बिलासपुर में आता है. ये इलाका प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का है. जिन्होंने कांग्रेस से अलग होकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस बनाई और 2018 के चुनाव में दोनों सीटें कब्जिया ली. लेकिन, पिता के देहांत के बाद हुए उचुनाव में JCCJ के प्रत्याशी अमित जोगी सीधे तीसरे नंबर पर पहुंच गए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वर्तमान स्थिति (2018)
विधानसभा चुनाव 2018 में मरवाही की ST के लिए रिजर्व सीट से अपनी नई पार्टी के साथ अजीत जोगी और कोटा से रेणू जोगी में जीत हासिल की. लेकिन, अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया और कांग्रेस केके ध्रुव ने बीजेपी के गंभीर सिंह को हरा दिया.



वोटों के आंकड़े
मरवाही में कुल वोटर 184021 में से महिला 93563 और पुरुष मतदाता 90455 हैं.
कोटा  में कुल वोटर 198718 में से महिला 99150 और पुरुष मतदाता 99568 हैं.



2018 में वोट शेयर
- मरवाही में बीजेपी को 27579 मिले थे. जबकि, जोगी कांग्रेस को 74041 वोट मिले थे. वहीं अन्य के खाते में 47709 मत गए थे.
- कोटा में बीजेपी को 45774  मिले थे. जबकि, जोगी कांग्रेस को 48800 वोट मिले थे. वहीं अन्य के खाते में 54577 मत गए थे.
- मरवाही उपचुनाव में स्थिति बदली और जोगी कांग्रेस तीसरे नंबर पर खिसक गई.



2018 के आंकड़े
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से अलग होकर JCCJ बनाने के बाद यहां जोगी परिवार का ही दबदबा बना रहा. मरवाही से अजीत दोगी ने अर्चना पोर्ते और कोटो से रेणू जोगी ने एक बार फिर काशी राम साहू को हरा दिया. हालांकि, लंबी बामारी के बाद अजीत दोगी का निधन हो गया. इसके बाद मरवाही में उचुनाव हुए लेकिन, अमित जोगी पिता की साल नहीं बचा पाए. उनकी पार्टी तीसरे नंबर पर खिसक गई. यहां से कांग्रेस के केके ध्रुव बीजेपी के गंभीर सिंह से जीत गए.



2013 के आंकड़े
साल 2013 में में एक बार फिर से इस इलाके में 2008 के परिणाम ही पिपीट हुए. मरवाही से अजीत जोगी बीजेपी के समीर पैकरा से 34 फीसदी मतों के अंतर से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंच. वहीं कोटो से रेणू जोगी ने काशी राम साहू को 3 फीसदी के छोटे मार्जिन से हराया.



2008 के आंकड़े
साल 2008 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने कोटो में अपना प्रत्याशी बदला और यहां से अजीत जोगी की पत्नी रेंणू जोगी को चुनाव लड़ाया और उन्होंने पार्टी के लिए ये सीट जीती है. वहीं मरवाही से अजीत जोगी ने लगभग 2003 वाले आंकड़ों से जीतकर आए. लेकिन, इस बार कांग्रेस राज्य में पिछड़ गए और कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई.



2003 के आंकड़े
राज्य की स्थापना के बाद साल 2003 में पहली बार चुनाव हुए और बिलासपुर जिले में आने वाली इन दोनों सीटों पर कांग्रेस का अच्छा खासा असर नजर आया. हालांकि, अजीत जोगी के जीत का अंतर को अच्छा खासा रहा. लेकिन, कोटा से राजेंद्र शुक्ला महज 1679 वोटों से ही भूपेंद्र सिंह से जीत हासिल कर पाए.



चूंकी 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव करीब आ गए हैं. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या इस बार अमित जोगी इस सीट पर खुद या अपने किसी प्रत्याशी को चुनाव जिताकर पिता की साख बचा पाएंगे. वहीं पिछले चुनाव में कोटो को जीतने के बाद क्या रेणू जोगी इस बार भी उसपर फतह कर पाएंगी. या इन दोनों सीटों पर अजीत जोगी के बाद अब उनका असर खत्म हो जाएगा और टक्कर बीजेपी कांग्रेस के बीच में होगी.