CG News: स्कूल में स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे चपरासी, गणित-विज्ञान नहीं पढ़ पा रहे बच्चे
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में स्कूलों में शिक्षा भगवान भरोसे चल रही है. हालात अब ये हो गए है कि शिक्षकों की जगह चपरासी बच्चों को पढा़ रहे है.
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही: गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में स्कूलों में शिक्षा भगवान भरोसे चल रही है. शिक्षकों के अनुपस्थित रहने से दिन-दिन भर में विद्यार्थी 1 ही विषय पढ़ कर घर वापस आ रहे हैं. शिक्षकों के अभाव में चपरासी बच्चों को पढ़ा रहे हैं. वहीं शासन के आदेश का मजाक उड़ाते हुए रसूखदार शिक्षक शैक्षणिक कार्य छोड़ कर मलाईदार विभागों में कई वर्षों से गैर शिक्षकीय कार्य में मस्त है.
गौरतलब है कि शिक्षा का स्तर ऊपर उठाने के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. योजनाएं बना रही है, बड़े-बड़े फंड जारी कर रही है, पर इतनी कोशिशों के बावजूद शिक्षा का स्तर लगातार गिरता चला जा रहा है. बात जिले के गौरेला विकासखंड की करी जा रही है. जहां छात्र शिक्षकों की मनमानी की वजह से परेशान है.
दिन भर स्कूल में बैठने के बाद अगर 7 कालखंड में महज 1 या 2 विषयों की ही पढ़ाई हो चिंता लाजमी है. दरअसल शासन द्वारा शिक्षकों के गैर शिक्षकीय कार्य करने के संलग्नीकरण के समस्त आदेशों को तत्काल निरस्त करने की सत्यता देखने गौरेला के 2 संकुलों के आधा दर्जन स्कूलों को देखे तो जो नतीजे सामने आए वो विभाग की हकीकत बयान करते हैं.
सारीसडोल पूर्व माध्यमिक शाला में पदस्त 3 शिक्षकों में सिर्फ 1 शिक्षक ही मिला. संकुल केंद्र जोगीसार की पूर्व माध्यमिक शाला में 5 शिक्षकों की पदस्थापना के बावजूद 2 ही शिक्षक थे और 4 कालखंडों में सिर्फ 2 विषय विज्ञान और संस्कृत ही पढ़ाया गया. यहां एक रसूखदार शिक्षक का भी पता चला जो लगभग 10 वर्षों से अलग-अलग छात्रवासों में अधीक्षक का कार्य कर रहे हैं.
अब बड़ावनडांड़ पूर्व माध्यमिक शाला का भी हाल जान लीजिए. इस स्कूल के हालात शायद शासन प्रशासन की सम्पूर्ण व्यवस्था की आंख खोल दें. स्कूल में 3 शिक्षक पदस्थ है. पर 1 ही शिक्षक मिला. जिस वजह से पूरे दिन में 1 विषय की ही पढ़ाई हो पाई. यहां भी एक रसूखदार शिक्षक का पता चला, जिनका नाम अजीत लहरी है. स्कूल के शिक्षक पीताम्बर सिंह बताते हैं, कि 18 सितंबर 2017 को स्कूल में पदस्थापित होने के बाद सिर्फ कुछ माह पढ़ाने के बाद से श्रीमान हॉस्टल में पदस्थ है. तब से स्कूल की ओर मुड़ कर नहीं देखा.
शिक्षकों के अभाव में स्कूल के भृत्य बच्चो को पढ़ाते हैं. स्कूल के छात्रों से जब हमने पूछा तो छात्र अपना दुख बताते हुए कहने लगे कि हमें पढ़ना है. हमें शिक्षक दे दो. दिन भर में सिर्फ 3 विषयों की ही पढ़ाई हुई है. वही बढ़ावनडांड़ प्राइमरी स्कूल में 3:30 बजे ताला लटका मिला. विद्यार्थी बंद स्कूल के बाहर खेलते मिले.
इस सभी अव्यवस्थाओं की जानकारी जब हमने गौरेला के विकासखंड शिक्षा अधिकारी को दी तो उन्होंने सीएसी (CAC) से जानकारी लेने के बाद शिक्षकों पर कार्यवाही की बात कही. वहीं वर्षो से संलग्नीकरण करा कर गैर शिक्षकीय कार्य कर रहे शिक्षकों के रसूख का अंदाज़ा beo के जवाब से लग गया. शासन और जिला शिक्षा अधिकारी के संलग्नीकरण आदेश निरस्तीकरण के बावजूद कलेक्टर के निर्देश का इंतज़ार है. वहीं इन सब के बावजूद इन शिक्षकों को स्कूलों में नहीं नज़दीकी छात्रावासों में पदस्थ करने की बात कह दी.
रिपोर्ट- दुर्गेश सिंह बिसेन