Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में 13वीं सदी के सती मंदिर का विस्थापन, प्रशासन का साथ दे रहे हैं लोग
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में 13वीं सदी के सती मंदिर के बचाने के लिए उसे विस्थापित किया जा रहा है. इसमें स्थानीय लोग प्रशासन का साथ दे रहे हैं.
मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के चिरमिरी में पुरातत्व अवशेषों को समेट सती मंदिर का विस्थापन का कार्य जिला प्रशासन व पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में किया जा रहा है. 14वीं शताब्दी की मूर्तियों को प्रशासन ने बरतुंगा शिव मंदिर परिसर में अस्थाई संग्रहालय में मंदिर के शिल्प कृतियों और मूर्तियों को स्थापना की जा रही है.
मंदिर विस्थापन से पहले प्रशासन ने विधि विधान पूजन कराया. विस्थापन के लिए प्रशासनिक अधिकारियों और एसईसीएल अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद है. इस दौरान मंदिर समिति के लोगों ने मंदिर विस्थापन का विरोध भी किया है.
तहसीलदार शशि शेखर मिश्रा ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के परिपालन में विस्थापन किया जा रहा है. 19 सितंबर 2023 को अंतिम आदेश जारी हुआ था. इसमें सती मंदिर के कलाकृतियां और अवशेष जो बचे हैं उन्हें धार्मिक रीति रिवाज से जन भावनाओं का ध्यान में रखते हुए स्थापन करने की बात कही गई थी.
तहसीलदार ने बताया कि प्रशासन के निर्देश पर लगभग 4 महीने तक स्थानीय लोगों से चर्चा की है. ज्यादा से ज्यादा लोग हमारे इस कदम से सहमत है. जिला प्रशासन के पांच अधिकारी और रायपुर से पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में विस्थापन का कार्य किया जा रहा है.
अधिकारी ने बताया सती मंदिर लगभग 500 से 600 वर्षों पुराना है. सती मंदिर के कलाकृतियां और अवशेष को लेकर माननीय उच्च न्यायालय का यह मत था. जहां, वर्तमान में सती मंदिर स्थित है. यह मंदिर संरक्षित नहीं रहे पाएगा इस कारण माननीय उच्च न्यायालय ने इसे संरक्षित करने के लिए आदेश दिया है.
इस क्षेत्र में सती मंदिर और कुछ अवशेष, मंदिर के कलाकृतियां मौजूद हैं. इन तीन चीजों की विस्थापन और पुनः निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने बरतुंगा शिव मंदिर परिसर में अस्थाई संग्रहालय में मंदिर के शिल्प कृतियों रखा जा रहा है. पुरातत्व विभाग के द्वारा 33 लाख रुपए की सती मंदिर के अवशेषों को पुनः सेट किया जाएगा.
मंदिर के व्यवस्थापक हरभजन सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन के निर्देश पर खुदाई किया जा रहा है. इससे उन्हें आपत्ति नहीं है. हाईकोर्ट के परिपालन में जो स्थल है, उसे उठा लिया जाए, लेकिन देवगढ़ी के अवशेषों के साथ छेड़छाड़ ना करें. साथ ही हरभजन सिंह ने बताया कि यह हमारी संस्कृति और आस्था के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ हो रहा है.
अधिकारियों का कहना है कि सभी परिसर सती मंदिर व उसके अवशेषों से जुड़ा हुआ है. इसका विस्थापन आवश्यक है, मंदिर के पुरातात्विक अवशेषों के विस्थापन के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की है.