Fashion show : सरकारी स्कूल के फैशन शो में गांव के बच्चों ने दिखाया स्वैग, कोरबा में हुआ नवाचार

Fashion show in Korba Gadkatra Government School : शनिवार को कोरबा जिले के गढ़कटरा गांव की सरकारी स्कूल में फैशन शो का आयोजन किया गया. इसमें गांव के बच्चों मॉडल बनकर अपना स्वैग दिखाया. इन सभी छोटे बच्चों ने स्कूल की गैलरी में रैंप वॉक किया.

Mon, 22 Aug 2022-2:07 am,
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बच्चों ने बढ़-चढ़ कर लिया हिस्सा शनिवार कोरबा जिले के गढ़कटरा गांव के सरकारी स्कूल में आयोजित फैशन शो में बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और मॉडल बनकर अपना पूरी स्वैग दिखाया. इस दौरान बच्चों ने ताली बाजाकर एक दूसरे का उत्साह भी बढ़ाया.

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कई रूपों में नजर आए बच्चे गढ़कटरा गांव के सरकारी स्कूल में रैंप वॉक करते बच्चों में किसी ने मां की साड़ी पहन रखी थी, तो किसी ने बहन का दुपट्टा लपेट रखा था, तो किसी को दादाजी का गमछा मिला. कुछ ने उसी से सर पर पगड़ी बांधकर रैंप वॉक किया. कोई भगवान कृष्ण का रूप धरकर पहुंचा. इन सभी छोटे बच्चों ने स्कूल की गैलरी में रैंप वॉक किया. इस दौरान बाकि स्कूली छात्र साथियों ने ताली बजाकर एक दूसरे का हौसला बढ़ाया.

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शनिवार को स्कूल में रहता है NO BAG DAY दरअसल कोरबा जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर वनांचल गांव गढ़कटरा के प्राथमिक शाला में शनिवार को नो बैग डे एक्टिविटी होती है. मतलब बच्चे इस दिन स्कूल बैग लेकर नहीं आते. बल्कि इस दिन बच्चों को या तो फन एक्टिविटीज में शामिल किया जाता है. या फिर सोशल एक्टिविटीज सिखाया जाता है.

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इसके साथ ही शुक्रवार को जन्माष्टमी की छुट्टी होने की वजह से स्कूल में शनिवार को ही जन्माष्टमी महोत्सव भी मनाया गया. इसीलिए फन एक्टीविटीज के तहत बच्चों के मनोरंजन और ड्रेसिंग सेन्स बतलाने के उद्देश्य से फैशन शो रखा गया. जिसमे बच्चे अलग-अलग गेटअप में सज धजकर स्कूल पहुंचे और एक मॉडल की तरह रैंप वॉक कर अपने हुनर का प्रदर्शन किया.

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मॉडलिंग कर बच्चों को आया मजा पहली बार मॉडलों की तरह चलकर और उनके जैसा स्वैग दिखाकर इन बच्चों को बड़ा मजा आया. कार्यक्रम के आखिर में छोटे बच्चों को टीचर ने गिफ्ट भी दिए. स्कूल में टीचर श्रीकांत बच्चों को हमेशा ऐसी एक्टिविटीज में शामिल करते हैं जो आम तौर पर शहर के प्राइवेट स्कूल में होती हैं.

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यहां बच्चे जींस पैंट में गमला बनाकर पौधे लगाते हैं, अपने स्कूल की खूबसूरत पेंटिंग करते हैं, कबाड़ से जुगाड़ प्रोडक्ट तैयार करते हैं. इससे उनका सर्वांगीण विकास होता है और वो पढ़ाई के अलावा भी कई अच्छे कामों के के लिए एक्टिव होते हैं

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ग्रामीण इलाके में नवाचार करने से बढ़ें स्कूल में बच्चे स्कूल शिक्षक श्रीकांत का कहना है कि ग्रामीण इलाका होने की वजह से यहां एक समय में स्कूल में काफी कम बच्चे आया करते थे. इन मजेदार तरीकों से बच्चों को पढ़ने में रुचि बढ़ी और हमारे प्रयासों से अब आसपास के बस्तियों से भी यहां बच्चे पहुंचते हैं और उनका मन स्कूल की पढ़ाई में लगता है.

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