Chhattisgarh news: मां का ऐसा मंदिर जो साल में एक बार खुलता है, जानिए इस से जुड़ी रहस्य्मयी बातें
Chaitra Navratri : देशभर में चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है. इसी सिलसिले में छत्तीसगढ़ में निरई माता का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर है, जो साल में केवल एक बार चैत्र नवरात्रि में पड़ने वाले पहले रविवार को खुलता है. इस मंदिर से जुड़ी एक खास बात यह है कि इस मंदिर में महिलाओं को पूजा के लिए आना वर्जित है. जानिए मंदिर से जुड़ी रहस्य्मयी बातें को.
Nirai Mata Mandi
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित है निरई माता का मंदिर. यह मंदिर 200 साल पुराने भक्ति के आस्था का केंद्र है.
निरई माता का मंदिर साल में एक बार चैत्र नवरात्र में पड़ने वाले पहले रविवार को ही खुलता है, बाकी दिनों में यहां आना पर प्रतिबंधित है. निरई माता धाम में हजारों श्रद्धालु दर्शन कर अपनी मन्नत पूरी करने मुराद मांगते हैं.
दो पहाड़ों के बीच स्थित निरई माता धाम में न मूर्ति है और न ही कोई मंदिर है. फिर भी हजारों श्रद्धालु यहां अपनी मन्नत लेकर आते हैं, और उसके पूरा होने पर बकरे की बलि देकर माता के प्रति अपनी श्रद्धा को प्रकट करते हैं.
निरई माता धाम से जुड़ी एक विशेष बात यह भी है कि पूजा के लिए मंदिर में महिलाओं के जाने पर रोक है . साल में एक बार खुलने वाले इस मंदिर में केवल पुरूष ही माता की पूजा करते हैं.
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी निरई पहाड़ी में स्थित माता का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए 14 अप्रैल को सिर्फ 5 घंटे के लिए खुलेगा. मान्यता के अनुसार माता के दरबार में बलि देने से श्रद्धालुओं की मुरादें पूरी होती है.
मंदिर में बिना किसी तेल और घी के लगातार 9 दिनों तक माता की ज्योति जलती है. इस दैवीय चमत्कार के कारण ही लोग माता के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति रखते हैं.
Nirai Mata Mandir
मान्यता यह भी है कि पहाड़ों पर स्थित निरई माता धाम में अपने आप से ज्योति प्रज्ज्वलित होती है. ज्योति का अपने आप प्रज्ज्वलित होना, लोगों के लिए किसी पहेली की तरह है.