PM Kisan Nidhi: यहां 3 साल से किसानों के खाते में नहीं आ रहा PM किसान निधि का पैसा, जानिए कहां का है मामला
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. बता दें कि यहां पर कई किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
PM Kisan Nidhi: भारत सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. बता दें कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)के महासमुंद जिले (Mahasamund District) में पिछले तीन सालों से पीएम किसान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसके अलावा यहां पर केवाइसी (PM Kisan Nidhi KYC) और आधार अपडेट के नाम पर विभाग के कर्मचारियों से अवैध वसूली की भी बात सामने आई है.
नहीं मिल रहा लाभ
केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के सम्मान में सालाना तीन किश्तों में 6 हजार रुपए दिया जाना है, लेकिनमहासमुंद जिले में कई ऐसे किसान हैं जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. बताया जा रहा है कि किसान केवायसी, आधार और कभी अपनी जमीन का रिकॉर्ड दुरुस्त कराने के लिए आए दिन कृषि विभाग के धक्के खाने को मजबूर है. यहीं नहीं केवायसी, आधार और जमीन को अपडेट कराने के नाम किसानों से 150-150 रुपए भी वसूला जा रहा है. जबकि ये सारा काम विभाग को निःशुल्क कर के देना है.
गांव वालों ने बताई हकीकत
कहा जा रहा है कि महासमुंद जिला मुख्यालय से महज 6 किलो मीटर की दूरी पर बसे ग्राम पंचायत नांदगांव के 724 किसानों ने अपना आधार अपडेट कराया है. लेकिन आनलाइन पंजीयन में 307 किसानों का आवेदन स्वीकार किया गया, जिसमें 34 आवेदनों को निरस्त किया गया. यहां पर सिर्फ 263 किसानों का आवेदन मान्य किया गया है.
वहीं 10 किसानों के आवेदन को लंबित बता रहे हैं. जबकि 2019 में योजना की शुरुआत में सभी किसानों के खाते में 2-2 हजार की राशि भुगतान हुई है. इस गांव में किसी को एक किश्त, दो किश्त और यहां तक कि 8 किश्तों का भुगतान हो चुका है. विडंबना यह है कि वर्ष 2020 के बाद से बहुत से किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि की राशि उनके खातों में आना ही बंद हो गया.
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ये है आंकड़े
महासमुंद के पांचों ब्लाक में पीएम किसान सम्मान निधि के लिए 1 लाख 38 हजार 826 किसान पंजीकृत है. इनमें से 1 लाख 9 हजार 638 किसानों का आधार बैंक खाते से लिंक है और 9 हजार 116 किसानों का बैंक खातों से लिंक किया जाना बचा है. जबकि इस योजना को शुरू हुए 5 साल होने को है. ऐसे के अफसर का कहना है कि इस पर कार्रवाई हो रही है. वहीं राशि वसूली के सवाल पर शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.