Chhattisgarh Assembly Election 2023: सत्य प्रकाश/रायपुरः मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 4-5 महीने ही बचे हैं. ऐसे में दोनों ही प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है. पक्ष विपक्ष दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में राजनीतिक पार्टियों ने प्रत्याशी चयन की कवायद भी तेज कर दी है. कांग्रेस में कई दौरे के सर्वे हो चुके हैं. सीएम भूपेश बघेल ने भी विधानसभावार अपनी रिपोर्ट तैयार की है.


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वहीं भाजपा में भी संगठन की ओर से सर्वे की चर्चा है. इतना ही नहीं भाजपा ने सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में विस्तारक भेजे हैं. उनकी राय भी टिकट बांटते वक्त महत्वपूर्ण होगा और और संघ का रिकमंडेशन भी.


टिकाऊ कैंडिडेट को लेकर ली जा रही जानकारी
1 मई से सभी 90 विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पूर्णकालिक विस्तारक अपने काम में जुट भी गए हैं. हालांकि कांग्रेस-भाजपा इस मसले पर आमने सामने दिखाई दे रही है. कांग्रेस कह रही कि हमारी तैयारी जिताऊ कैंडिडेट ढूंढने की है और इस बार 75 पार का लक्ष्य है. वहीं भाजपा कह रही है कि अभी इंतजार करिए सब सामने होगा, कांग्रेस के दावे भी फेल होंगे. भाजपा ये भी कह रही है कि कई तरीकों से जिताऊ कैंडिडेट को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है.


जानिए क्या बोली भाजपा
भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के विधायक प्रत्याशियों को लेकर निशाना साथा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास जिताऊ चेहरे बचें ही नहीं हैं. विधायकों की परफार्मेंस बहुत खराब है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास प्रत्याशियों के लिए विकल्प के तौर पर नाम ही नहीं है. वहीं आगे उन्होंने कहा कि भाजपा के पास कई ऐसे कर्मठ कार्यकर्ता हैं, जो जनता से जुड़े होते हैं. जो हमेशा उनकी सेवा में तत्पर होते हैं. ऐसे लोगों की सूची बीजेप अलग-अलग प्रकार से मंगवा रही है. और ऐसे कई लोग हमारे पास हैं जो जीत सकते हैं उनमें से पार्टी संगठन किसी एक चेहरे को टिकट देगा. वही कांग्रेस के पास वो एक चेहरा भी ला पाना चुनौती बना हुआ है. 


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