रायपुर: सुपेबेड़ा में किडनी की बिमारी से हो रही लगातार मौत पर सियासत तेज हो गई है. विपक्षी पार्टी भाजपा के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने सूपेबेड़ा मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए इसे भूपेश सरकार का फेल्योर बताया है. उन्होने मुख्य्मंत्री और स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव पर निशाना साधते हुए कहा है कि सूपेबेड़ा में ग्रामीणों की मौत पर सरकार का नियंत्रण नहीं है. केंद्र से पैसे मिलने के बाद भी उन्हें सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं.


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पिछले 5 साल में 80 मौतें
सूपेबेड़ा में मौत का तांडव जारी है. पिछले पांच साल में यहां किडनी की बिमारी से 80 लोग काल के गाल में समा गए हैं और गांव में अभी भी कई लोग किडनी की बिमारी से पीड़ित हैं. स्वास्थ मंत्री के दौरे के तीन दिन बाद एक किडनी पीड़ित शिक्षक की मौत से गांव में मातम पसर गया है. शनिवार को भी सूपेबेड़ा के शिक्षक तुकाराम क्षेत्रपाल की मौत किडनी की बीमारी हो गई है.


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रायपुर एम्स में इलाज के दौरान मौत
बताया जा रहा है तुकाराम क्षेत्रपाल लंबे समय से किड़नी की बिमारी से जूझ रहे थे. उनका इलाज रायपुर एम्स में हो रहा था. यहीं उनकी मौत हो गई. शिक्षक के मौत से एक बार फिर गांव में मातम पसर गया है. ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें तेल नदी से पाईप लाईन बिछाकर शुद्ध पानी मुहैया कराया जाए. सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है, लेकिन तेल नदी से पानी लाने की प्रक्रिया भी तक शुरू नहीं हो सकी है.


नेताओं के वादों का नहीं हुआ असर
चुनाव से पहले जब पीसीसी चीफ थे मुख्य मंत्री भुपेश बघेल तब उन्होने गांव का दौरा किया था और ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की बात कही थी, सुपेबेड़ा में राज्यपाल अनसुईया उईके सहित कई दिग्गज नेता मंत्री गए और वादे किए, लेकिन किसी ने शुद्ध पानी मुहैया नहीं कराया.


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