CG Board Topper Preeti Yadav Story: "पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है, मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है!!" इस लाइन को सच साबित कर दिखाया है छत्तीसगढ़ बोर्ड परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल करने वाली प्रीति यादव ने. प्रीति बलौदाबाजार जिले के अंतिम छोर पर स्थित एक छोटे से गांव करहीबाजार में रहती हैं और उन्होंने गांव के ही सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है. जहां शिक्षकों की कमी थी. प्रीति ने कोई कोचिंग भी नहीं की थी, लेकिन इसके बावजूद बोर्ड परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल किया.


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प्रीति के पिता हैं मजदूर
परिवार में प्रीति के अलावा चार बहनें और दो भाई हैं. दादा-दादी और माता-पिता सहित कुल 11 लोग हैं. पिता एक मजदूर हैं जो 300 प्रति दिन रुपये की मजदूरी पर राजमिस्त्री का काम करते हैं . मां भी पिता के साथ मजदूरी करती है. पढ़ाई के प्रति प्रीति की लगन को देखते हुए उनके पिता सहित परिवार के सदस्यों ने आर्थिक स्थिति को प्रीति की पढ़ाई के आड़े नहीं आने दिया और उसकी पढ़ाई में सहयोग किया.


इस तरह सफलता मिली
सोशल मीडिया से दूरी बनाते हुए प्रीति ने एक लक्ष्य बनाया और रोजाना 7-8 घंटे पढ़ाई कर कड़ी मेहनत की. बिना किसी कोचिंग के सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर प्रीति ने दिखा दिया कि जब आप अव्वल आने की ठान लें तो परिस्थितियां कभी बाधा नहीं बनती. प्रीति भविष्य में एक शिक्षिका बनना चाहती है ताकि वह अपने जैसे आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के भविष्य को मजबूत कर सके और उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचा सके. प्रीति के पिता का कहना है कि प्रीति भविष्य में जो भी पढ़ना चाहेगी, उसे मेहनत करके पढ़ाएंगे.


CM साय ने दी बधाई
प्रदेश में तीसरी रैंक हासिल करने वाली प्रीति और उनके माता-पिता को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा ने बधाई दी. बलौदाबाजार कलेक्टर केएल चौहान ने भी प्रीति और उसके मजदूर माता-पिता को सम्मानित किया था और उन्हें रात्रि भोज पर आमंत्रित किया था. प्रीति की इस सफलता ने न सिर्फ जिले बल्कि राज्य को भी गौरवान्वित किया है.


रिपोर्ट: देवेश कुमार साहू (बलौदाबाजार)