भारत के हालात श्रीलंका और पाकिस्तान से बेहतर, रायपुर में कांग्रेस के सम्मेलन में बोले रघुराम राजन
रायपुर में आयोजित प्रोफेशनल कांग्रेस के सम्मेलन को भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने आर्थिक स्थिती के साथ ही रोजगार और विकास के मुद्दों पर कई बड़ी बातें कही. उन्होंने भारत के हालाकों को पाकिस्तान और श्रीलंका से कई बेहतर बताया.
रूपेश गुप्ता/रायपुर: प्रोफेशनल कांग्रेस के सम्मेलन में शामिल हुए रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कई बड़ी बातें कही. रघुराम राजन के अनुसार, भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है और विदेशी कर्ज का दबाव भी कम है. भारत को श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी समस्या का सामना नहीं कभी नहीं करना पड़ेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा भविष्य हमारे उदार लोकतंत्र और उसकी संस्थाओं को मजबूत करने में है, लेकिन आज कुछ वर्गों में यह भावना है कि लोकतंत्र भारत को पीछे धकेल रहा है.
भारत के हालात श्रीलंका और पाकिस्तान से बेहतर
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए रघुराम राजन ने कहा कि भारत की स्थिति श्रीलंका या पाकिस्तान जैसी नहीं हैं. यहां की आर्थिक समस्याएं श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह नहीं हैं. भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है और विदेशी कर्ज़ भी कम है. राजन ने आरबीआई की सरहाना करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने में अच्छा काम किया है. वो देश के विकास के लिए काम करता रहेगा.
बहुसंख्यकवाद के खिलाफ दी चेतावनी
शनिवार को प्रोफेशनल कांग्रेस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रघुराम राजन ने कहा कि भारत का भविष्य उदार लोकतंत्र और उसकी संस्थाओं को मजबूत करने में है, क्योंकि यह देश के विकास के लिए जरूरी है. रघुराम राजन ने बहुसंख्यकवाद के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि श्रीलंका इस बात का उदाहरण है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को ‘‘द्वितीय श्रेणी के नागरिक’’ में तब्दील करने का कोई भी प्रयास देश को विभाजित करेगा.
लोकतंत्र को उदार और मजबूत बनाने की जरूरत
रघुराम राजन ने कहा कि ने कहा कि देश में ऐसा माहौल बनाना चाहिए, जिससे सबके लिए विकास के अवसर हों. आज देश में कुछ तबकों के बीच यह भावना है कि लोकतंत्र भारतीय समूह को पीछे ले जा रहा है. भारत को कुछ नियंत्रण संतुलन के साथ एक मजबूत अधिनायक की जरूरत है. हम इस दिशा में आगे बढ़ते दिख भी रहे है.
रोजगार के संकट को लेकर जताई चिंता
रोजगार के संकट को समझाने के लिए राजन ने अग्निपथ योजना के भारी विरोध का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि हमारे युवा नौकरियों के लिए कितने भूखे हैं. अभी कुछ समय पहले आपने रेलवे के 35 हजार पदों के लिए 12 लाख 5 हजार आवेदकों को देखा था. अब यह खासतौर पर चिंता की बात है, जब भारत में नौकरियों की कमी है और बहुत सारी महिलाएं घर से बाहर काम नहीं कर रही हैं.