जिंदगी की जंग जारी! राहुल की तबीयत पर डॉक्टरों ने कहा- अगले 2 दिन बेहद अहम
डॉक्टरों का कहना है कि राहुल के लिए अगले 2 दिन काफी अहम है, क्योंकि राहुल को इंफेक्शन हो गया है.
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में फंसे रहे 10 साल के राहुल साहू को 104 घंटे लंब चले ऑपरेशन के बाद आखिरकार बाहर निकालने में सफलता मिल ही गई. पांच दिनों की कड़ी मशक्कत के राहुल को बाहर निकाल लिया गया. जिसके बाद सीधे उसे एंबुलेंस से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया है. जहां अब उसका इलाज जारी है. डॉक्टरों का कहना है कि राहुल के लिए अगले 2 दिन काफी अहम है. क्योंकि राहुल को इंफेक्शन हो गया है.
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जानलेवा हो सकता है इंफेक्शन- डॉक्टर
अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टर सुशील कुमार ने बताया कि बच्चे की स्थिति स्थिर है. राहुल खाना खा रहा है. अबतक की जो जांच रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक राहुल को बैक्टरीयल इन्फ़ेक्शन हुआ है. कई जगह स्कीन छिली हुई है. बच्चे को इंफेक्शन ज्यादा है. इन्फ़ेक्शन के मार्कर्स बढ़े हुए हैं. इन्फ़ेक्शन की वजह से बुखार आ रहा है.
अगले 2 दिन महत्वपूर्ण
डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि इंद्रप्रस्थ अपोलो के सीनियर्स डॉक्टर्स से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राय ली जाएगी. ये इन्फ़ेक्शन जानलेवा भी हो सकता है. अभी सारे टेस्ट नहीं आये हैं. अभी सीटी स्कैन होगा. अभी आगे क्या होगा ये कहना मुश्किल है. एंटीबायोटिक दवाईयां दी जा रही है. अगले दो दिन बेहद अहम हैं.
सांप-मेंढक थे राहुल के साथी
वहीं राहुल के सुरक्षित निकाले जाने पर जांजगीर चांपा के कलेक्टर ने खुशी जाहिर की और बताया कि यह ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए चट्टानों का सीना चीरना पड़ा. कलेक्टर ने इस अभियान की सफलता के लिए भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम को बधाई दी. कलेक्टर ने खुलासा करते हुए बताया कि बोरवेल में राहुल के साथ एक सांप और एक मेंढक भी फंसे हुए थे. हालांकि उन्होंने ये बात लोगों से छिपाकर रखी थीं.
क्या था मामला
जांजगीर -चाम्पा जिले के अंतर्गत मालखरौदा ब्लॉक के ग्राम पिहरीद में 11 वर्षीय बालक राहुल साहू अपने घर के पास खुले हुए बोरवेल में गिरकर फंस गया था. 10 जून को दोपहर लगभग 2 बजे अचानक घटी इस घटना की खबर मिलते ही जिला प्रशासन की टीम कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला के नेतृत्व में तैनात हो गई. समय रहते ही ऑक्सीजन की व्यवस्था कर बच्चे तक पहुंचाई गई. कैमरा लगाकर बच्चे की गतिविधियों पर नज़र रखने के साथ उनके परिजनों के माध्यम से बोरवेल में फंसे राहुल पर नजर रखने के साथ उनका मनोबल बढाया जा रहा था