छत्तीसगढ़ में गौवंश की सुरक्षा के लिए सरकार लाएगी योजना, CM साय ने मीटिंग कर दिए निर्देश
Chhattisgarh News: CM विष्णु देव साय ने खुले घूमने वाले गौवंशों की सुरक्षा के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने शनिवार को अधिकारियों के साथ मीटिंग की. इस दौरान उन्होंने गौवंश अभ्यारण्य योजना के लिए कार्ययोजना बनाने के आवश्यक निर्देश दिए हैं.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में जल्द ही सड़क पर घूमने वाले खुलेआम गौवंशन सुरक्षित हो जाएंगे. CM विष्णुदेव साय ने गौवंशों की सुरक्षा के लिए गौ-अभयारण्य बनाने की प्लानिंग की है. इसके लिए शनिवार को अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने मीटिंग की. बैठक के दौरान उन्होंने पशुधन विकास विभाग, पंचायत और राजस्व एवं वन विभाग के समन्वय से योजना तैयार करने के निर्देश दिए.
गौवंशों की सुरक्षा के लिए योजना
छत्तीसगढ़ की सड़कों पर घूमने वाले गौवंशों की सुरक्षा के लिए सरकार गौवंश अभ्यारण्य योजना लाने वाली है. इस योजना के तहत सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले गोवंश को नियमित आहार मिलेगा. साथ ही गौवंशों की सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं पर अंकुश भी लगेगा.
CM विष्णु देव साय ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने राज्य में पशुधन विकास विभाग, पंचायत, राजस्व एवं वन विभाग के समन्वय से गौवंश अभ्यारण्य संचालित करने की योजना बनाने के निर्देश दिए. ये अभ्यारण्य गौवंश के लिए उचित रहवासी वातावरण से परिपूर्ण होंगे.
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बैठक के दौरान CM विष्णु देव साय ने कहा- 'ठोस कार्ययोजना के माध्यम से भ्रष्टाचार मुक्त, सेवा, सुरक्षा और संवर्धन का ध्येय वाक्य ले कर प्रदेश में स्वामी विहीन पशुधन के लिए गौवंश अभ्यारण्य की रूप रेखा बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. प्रस्तावित योजना लागू होने पर न केवल सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले गौवंशों को नियमित आहार, देखभाल और चिकित्सकीय सुविधा मिलेगी बल्कि दुर्घटनाओं पर भी लगाम लगेगी.'
सकारात्मक कदम
बता दें कि सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं और गौवंशों के कारण कई बार यातायात बाधित हो जाता है. इसके अलावा वे कई बार सड़क दुर्घटना का कारण भी बनते हैं. साथ ही कूड़ा-कचरा और प्लास्टिक खाने से उनका स्वास्थ्य भी खराब होता है. ऐसे में गौवंश अभ्यारण्य योजना लागू से इन सब से राहत मिलेगी.
बता दें कि साय सरकार से पहले कांग्रेस सरकार ने गौठान योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत भी आवारा मवेशियों को एक शेड में रखा जाता था, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे.
इनपुट- रायपुर से राजेश निषाद की रिपोर्ट, ZEE मीडिया