Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान के विद्युत ग्रहों में कोयले की आपूर्ति के लिए राज्य में वन भूमि का आवंटन की परमिशन दे दी है. छत्तीसगढ़ में तीन कोयला ब्लॉक राजस्थान को आवंटित किए गए हैं, जिससे राजस्थान के लोगों को बिजली सप्लाई की बड़ी सौगात मिलेगी. इसके लिए राजस्थान के CM भजनलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पूरे राजस्थान की ओर से धन्यवाद कहा है. 


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CM भजनलाल शर्मा का मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद
राजस्थान के CM भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मुख्मंत्री विष्णु देव साय का आभार जताया है. उन्होंने लिखा- 'सतत विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध राजस्थान सरकार. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्थान के विद्युत गृहों के लिए कोयले की आपूर्ति हेतु हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान किए जाने पर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी का समस्त राजस्थान परिवार की ओर से हार्दिक धन्यवाद.'



इसके आगे में अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा- 'इसके अतिरिक्त, राजस्थान में निर्बाध विद्युत आपूर्ति को सुचारु रूप से स्थापित करने की दिशा में छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री जी से निम्नलिखित मांगों की पूर्ति हेतु सविनय अनुरोध करता हूं:
1. पीईकेबी कोयला खंड से खनन कार्य निरंतर जारी रखने तथा वित्त वर्ष 2024-25 में 18 एमटीपीए की उत्पादन क्षमता प्राप्त करने के लिए आवश्यक 108 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षों की कटाई करवाकर, एवं वित्त वर्ष 2025-26 से अगले छह वर्षों के खनन कार्यों हेतु आवश्यक 411 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षों की कटाई के पश्चात, उक्त भूमि को आरवीयूएन को हस्तांतरित करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें.
2. परसा कोयला खंड पर खनन कार्य प्रारंभ करने हेतु संबंधित भूमि पर वृक्षों की कटाई करवाकर उक्त भूमि को आरवीयूएन को हस्तांतरित करने की व्यवस्था करें.
3. केंटे एक्सटेंशन कोयला खंड की पर्यावरण स्वीकृति हेतु आवश्यक जन सुनवाई एवं वन विभाग की अनुमति का पंजीकरण छत्तीसगढ़ शासन से अविलंब करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें. 


उन्होंने लिखा- 'आपणो अग्रणी राजस्थान' के संकल्प के अनुरूप राजस्थान राज्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत हैं. 


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राजस्थान में विद्युत परियोजनाओं में होगी सहायता
बता दें कि हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टयर वनभूमि का उपयोग करने से राजस्थान को काफी सहायता मिलेगी. जानकारी के मुताबिक इससे राज्य के 4340 मेगावाट क्षमता की तापीय विद्युत परियोजनाओं को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने में काफी सहायता मिलेगी.


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