Rajim Maghi Punni Mela 2023: राजिम माघी पुन्नी मेला हुआ शुरू! इसलिए खास है छत्तीसगढ़ की प्रयाग नगरी का ये समागम
Rajim Maghi Punni Mela 2023: पूरे देश में अपनी एक अलग ही पहचान रखने वाला राजिम पुन्नी मेला शुरू हो गया है. त्रिवेणी संगम में श्रद्धालुओं द्वारा डुबकी लगाने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया है.
Chhattisgarh Rajim Punni Mela: श्रद्धा और आस्था का प्रतीक राजिम माघी पुन्नी मेला (Rajim Maghi Punni Mela 2023) आज से शुरू हो गया है. राजिम पुन्नी मेला में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु राजिम पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला सुबह 4 बजे से ही शुरू हो गया है, जो आज दिनभर जारी रहेगा.
ऐसी है पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यता के मुताबिक वैसे तो देश में अनादिकाल से हर वर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक राजिम पुन्नी मेला आयोजित होता है. देश विदेश से लाखों लोग राजिम पुन्नी मेला में उसी आस्था और विश्वास के साथ इस मेले में शामिल होते हैं. जिसकी शुरुआत आज माघी पुन्नी स्नान के साथ शुरू हो गयी है. बता दें कि हजारों श्रद्धालुओं ने सुबह त्रिवेणी संगम में स्नान किया, उसके पश्चात भगवान राजीव लोचन और कुलेश्वरनाथ के दर्शन किए, श्रद्धालुओं के त्रिवेणी स्नान का यह सिलसिला दिन भर चलता रहेगा.
इस मेला की अपनी एक अलग ही पहचान है
राजिम पुन्नी मेला की अपनी एक अलग ही पहचान है. पैरी, सोंढूर और महानदी, तीन नदियों के संगम स्थल राजिम त्रिवेणी संगम पर ये राजिम पुन्नी मेला आयोजित होता है. त्रिवेणी संगम के एक तट पर भगवान विष्णु के अवतार भगवान राजीवलोचन विराजमान हैं और दूसरे तट पर सप्तऋषियों में से एक लोमश ऋषि का आश्रम विद्यमान है, त्रिवेणी संगम के बीचों बीच खुद महादेव कुलेश्वरनाथ के रूप में स्थापित हैं, वैसे तो श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने का सिलसिला सालभर लगा रहता है. मगर राजिम मेले के समय श्रद्धालुओं के पहुंचने की संख्या कई गुणा बढ़ जाती है. राजीव लोचन और कुलेश्वरनाथ मंदिर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को घंटो लाइन में खडा होना पड़ता है.
श्रद्धा और भक्ति का दूसरा नाम है भगवान, जहां श्रद्धा है, वहां भक्ति है और जहां भक्ति है, वहां भगवान हैं, भगवान के दर्शन की इच्छा और मोक्ष की कामना के साथ राजिम पुन्नी मेले में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. जो 18 फरवरी महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा.
रिपोर्ट: जन्मजय सिन्हां (महासमुंद)