Chhattisgarh Coal Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाला मामले में निलंबित आईएएस रानू साहू और दीपेश टांक को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित आईएएस रानू साहू और दीपेश टांक को अंतरिम जमानत दे दी है. उन्हें यह जमानत 7 अगस्त तक मिली है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुवन की डबल बेंच ने यह आदेश जारी किया. बता दें कि रानू साहू एक साल और दीपेश करीब डेढ़ साल से जेल में थे. ईडी ने दोनों को मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था.


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EOW ने दर्ज किया मामला 
वहीं दूसरी ओर EOW ने आज निलंबित आईएएस रानू साहू के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की है. उनके साथ ही समीर बिश्नोई  और सौम्या चौरसिया के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. तीनों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.


आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप
निलंबित आईएएस रानू साहू पर वर्ष 2015 से 2022 तक अपने और परिजनों के नाम पर करीब 4 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति खरीदने का आरोप है. जबकि सेवा में आने से लेकर 2022 तक उनका कुल वेतन 92 लाख रुपये बताया जा रहा है. वहीं सौम्या चौरसिया और परिजनों के नाम पर 9 करोड़ 20 लाख रुपये की 29 अचल संपत्तियां हैं. संपत्तियों की खरीद वर्ष 2021 से 2022 के बीच की गई है. इसके अलावा निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई का वर्ष 2010 से 2022 तक का कुल वेतन 93 लाख रुपये है. इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर 5 करोड़ रुपये की कई अचल संपत्तियां खरीदीं जो उनके वेतन से 500 गुना ज्यादा है.


क्या है छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला
ED के मुताबिक छत्तीसगढ़ में करीब 500 करोड़ रुपए का कोयला घोटाला हुआ है. इस मामले में कई कोयला व्यापारी और अधिकारियों के नाम शामिल आए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घोटाले के तहत 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध वसूली की गई है.  ED ने जांच शुरू करते ही निलंबित IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया समेत कई लोगों के ठिकानों पर छापा मार उन्हें गिरफ्तार किया था. 


रिपोर्ट- राजेश निलशाद