सेमीकंडक्टर चिप से विश्वगुरु बनेगा भारत! कांग्रेस ने कसा तंज
सेमीकंडक्टर (Semiconductor chip) का इस्तेमाल कार, मोबाइल फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में किया जाता है. इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे बड़ा कॉरपोरेट निवेश बताया जा रहा है.
चुन्नीलाल देवांगन/रायपुरः वेदांता ग्रुप और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता कंपनी फॉक्सकॉन भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन का पहली फैक्ट्री लगाने जा रहे हैं. हालांकि ये मुद्दा भी राजनीति से अछूता नहीं रह सका. छत्तीसगढ़ भाजपा ने भारत में सेमीकंडक्टर चिप के निर्माण पर कहा है कि इससे भारत विश्वगुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा. वहीं कांग्रेस ने इस पर तंज कसा है. कांग्रेस का कहना है कि निजी कंपनियों के कामों को भी भाजपा वाले मोदी सरकार का काम बता रहे हैं.
'मैन्युफैक्चरिंग हब बनता भारत'
भाजपा नेता ओपी चौधरी का कहना है कि "जब पूरी दुनिया में सेमी कंडक्टर चिप की कमी के कारण मोबाइल फोन, ऑटो मोबाइल सेक्टर के अनेक संयंत्रों में उत्पादन बंद होने के कागार पर आ गया था. ऐसे वक्त पर पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने 4 दिन पहले भारत में 1 लाख 54 हजार करोड़ रुपए के निवेश वाले पहले सेमीकंडक्टर चिप संयंत्र को भारत में स्थापित करने का एग्रीमेंट किया है. निवेशक कंपनी वेदांता ने कहा है कि डिस्प्ले ग्लास और सेमी कंडक्टर चिप की भारत में स्थानीय उपलब्धता होने से 1 लाख के लैपटॉप की कीमत 40 हजार तक आ जाएगी. ओपी चौधरी ने कहा कि ये मैन्युफैक्चरिंग में बदलता भारत है. विश्व गुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ता भारत है".
वहीं ओपी चौधरी के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा कि "निजी कंपनी के कामों को भी भाजपाई मोदी सरकार का काम बता रहे हैं. कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने तो देश की मुनाफा देने वाली नवरत्न कंपनियों को बेच डाला. मेक इन इंडिया की हवा निकल चुकी है. नोटबंदी, जीएसटी के अलावा 8 साल में मोदी सरकार की कोई उपलब्धि नहीं है. भाजपा के प्रवक्ता दूसरों के पुरुषार्थ को मोदी का बताकर ताली पीट रहे हैं."
गेमचेंजर साबित हो सकता है ये निवेश
बता दें कि सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल कार, मोबाइल फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में किया जाता है. इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे बड़ा कॉरपोरेट निवेश बताया जा रहा है. अभी दुनिया में इस्तेमाल होने वाली सभी चिप का आठ प्रतिशत ताइवान में बनता है. इसके बाद चीन और जापान का नंबर आता है. अब भारत में इसके निर्माण से भारत की अन्य देशों पर निर्भरता कम होगी. आज जिस तरह से दुनिया तकनीक के मामले में सेमीकंडक्टर पर निर्भर है. उसे देखते हुए भारत में इस निवेश को गेमचेंजर माना जा रहा है. यह संयंत्र गुजरात में लगेगा और इससे करीब 1 लाख नौकरियां पैदा होने की संभावना है.
भारत में 2021 में सेमीकंडक्टर चिप का बाजार 27 बिलियन डॉलर का था, जिसके 2026 तक 64 बिलियन डॉलर का होने की उम्मीद है.