किशोर शिल्लेदार/राजनांदगांव: छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव से दो चोरों की अनोखी कहानी सामने आई हैं जहां बाल सुधार गृह में दोनों की मुलाकात हुई थी. दो साल पहले तक दोनों नाबालिग थे. उस वक्त से दोनों ने अपराध की दुनिया में कदम रखा. रेप और चोरी के अपराध में बाल संरक्षण ग्रह में निरूद्ध रहे ताकि दोनों सुधर जाएं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. सुधार गृह इन्हें सुधार नहीं पाया. 


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सुधार गृह से बाहर की दुनिया में आते ही फिर से क्राइम की दुन‍िया में लौटे
दोनों की उम्र वर्तमान में 19 बरस की है. नाम है डोमेश्वर उर्फ मैथिल क्षत्री और रूपेश मंडावी. दोनों की दोस्ती बाल सुधार गृह के निरूद्ध रहने के दौरान हुई लेकिन सुधार गृह से बाहर की दुनिया में आते ही फिर से दोनों उसी राह ओर चल पड़े. इन्हें एक और शातिर दिमाग का साथी करण मानिक पुरी मिल गया.


अपने ही माल‍िक के यहां कर दी लूट 


करण जिस दुकान में काम करता था, उसी के मालिक को ही निशाना बनाया. राजनांदगांव के लालबाग सिंधी कॉलोनी में व्यवसायी जितेंद्र और संजय गणसानी का निवास है. दिनांक 1 जुलाई की रात जितेंद्र और संजय बाजार से अपनी दुकान बंद कर घर के पास पहुंचे. उसी वक्त घात लगाकर पहले से बैठे करण, डालेश्वर और रूपेश ने दोनों भाईयों के पास रखे नगदी रुपयों के बैग को छीनने का प्रयास किया. दोनों भाईयों के जमकर हुए विरोध के बाद जब नगदी का बैग आरोपियों के हाथ नहीं लगा तो संजय पर तीनों ने जानलेवा हमला कर दिया और भाग खड़े हुए. संजय को गंभीर हालत में अस्पताल दाखिल करना पड़ा. मामले की रिपोर्ट के बाद पुल‍िस हरकत में आई. 


सीसीटीवी की मदद से पकड़े गए आरोपी 
पुलिस ने आरोपि‍यों की धरपकड़ के लिए पुलिस की सायबर टीम व सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों को ढूंढ निकाला. पूरे मामले का खुलासा राजनादगांव के एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेस कांफ्रेंस के जरिए की. उन्होंने बताया कि तीनों आरोपी अन्य स्थान पर लूट की योजना बनाते धरे गए. तीनों आरोपी राजनांदगांव के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं. सभी के खिलाफ लूट और हत्या की कोशिश संबंधी अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है. 


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