रंजीत बारठ/सुकमाः एक सैन्य अधिकारी ने समर्पण और जज्बे की अनूठी मिसाल पेश की है. दरअसल नक्सल घटना में अपने दोनों पैर गंवाने के बाद भी सीआरपीएफ के अधिकारी वैभव विभोर ने सुकमा में स्कूली छात्राओं से किया वादा पूरा किया है. बता दें कि सीआरपीएफ अधिकारी ने छात्राओं से टीवी दिलाने का वादा किया था. अब नक्सली हमले में अपने दोनों पैर गंवा चुके अधिकारी ने 3 साल बाद भी छात्राओं से किया अपना वादा पूरा किया और उन्हें टीवी गिफ्ट किया है. 


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दरअसल सीआरपीएफ अधिकारी वैभव विभोर साल 2019 में सुकमा में तैनाती के दौरान एरिया सर्चिंग के लिए कैंप से निकले थे. इसी दौरान वह कन्या छात्रावास तेलावर्ती पहुंचे. वहां उन्होंने छात्राओं से मुलाकात की और उनसे पूछा कि उन्हें क्या चाहिए? इस पर छात्राओं ने सीआरपीएफ अधिकारी से टीवी की मांग की थी. छात्राओं ने बताया वो ना तो समाचार देख पाती हैं और ना ही देश-दुनिया की खबरें देख पाती हैं. इस पर वैभव विभोर  ने छात्राओं को टीवी लाकर देने का वादा किया था. लेकिन वह अपना वादा पूरा कर पाते उससे पहले ही कोरोना काल शुरू हो गया और स्कूलों की छुट्टियां हो गईं. 


इसके बाद अक्टूबर 2021 में अधिकारी वैभव विभोर का तबादला हो गया और ट्रांसफर होकर कोबरा 205 यूनिट, गया बिहार पहुंच गए. जहां फरवरी 2022 को नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आ गए. नक्सली हमले में वैभव विभोर बुरी तरह घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली लाया गया. डॉक्टरों ने उनकी जान तो बचा ली लेकिन उनके पैर नहीं बचा पाए. इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी सीआरपीएफ अधिकारी को छात्राओं से किया अपना वादा याद रहा और अब करीब 3 साल बाद उन्होंने कन्या छात्रावास तेलावर्ती की छात्राओं को रक्षाबंधन के मौके पर टीवी लाकर दिया. 


टीवी लगने के बाद छात्रावास की छात्राएं बेहद खुश हैं और उन्होंने सीआरपीएफ अधिकारी वैभव विभोर को धन्यवाद दिया है.