Swachh Bharat Mission: कचरे (Garbage) को सब अनुपयोगी चीज समझते हैं. लेकिन, छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जांजगीर चांपा (Janjgir Champa) जिले के अकलतरा (Akaltara) की महिलाओं ने कचरे से कमाल कर दिखाया है. स्वच्छ भारत मिशन शहरी के अंतर्गत समूह की 46 महिलाओं ने 20 वार्डों से डोर टू डोर गिला और सूखा कचरा इकट्ठा किया और इसे आजीविका का साधन बनाया. इसके जरिए उन्होंने साल भर के भीतर एसएलआरएम सेंटर (SLRM Center) में प्लास्टिक टिन, पुट्ठा, खाली बोतल जैसे कचरों को अलग-अलग कर उसे बेचकर 1 लाख 42 हजार रूपए कमाए हैं.


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ऐसे करती हैं कलेक्शन 
समूह की महिलाओं के कलेक्शन की शुरूआत सुबह 6 बजे से होती है. ये हर रोज नगर के 20 वार्डों में 15 हाथ रिक्शा और 4 ई रिक्शा के माध्यम से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करती हैं. इसके बाद दोपहर 12 बजे के बाद एसएलआरएम सेंटर में कचरे को अलग करने का काम करती है. नगर को स्वच्छ बनाने के इस योगदान के लिए महिलाओं को स्वच्छ भारत मिशन द्वारा गार्बेज फ्री सिटी के अंतर्गत नगर पालिका को थ्री स्टार रैंकिंग और नई दिल्ली में स्वच्छता पुरस्कार प्रदान किया गया है.


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आत्म निर्भर बन रही महिलाएं
महिलाएं इस काम के जरिए न केवल नगर को स्वच्छ बना रही हैं बल्कि आत्म निर्भर भी बन रही हैं. ये 46 महिलाएं कचरे का कलेक्शन करती हैं इसके बाद इसे एसएलआरएम सेंटर को बेच देती हैं. ऐसा करने से इनकी आमदनी भी हो जाती है. इसके अलावा इन महिलाओं को नगर पालिका के द्वारा समय - समय पर दस्ताना गम बूट और साड़ी भी गिफ्ट दिया जाता है.   


नगर को नंबर वन बनाना मकसद
नगर को स्वच्छ बनाने में जुटी महिलाओं का कहना है कि उनके प्रयास से पिछले दो सालों से स्वच्छता रैंकिग में 3 स्टार मिल रहा है. नगर पालिका के द्वारा महिला समूह को समय समय पर प्रोत्साहन दिया जाता है. ऐसे में नगर पालिका और महिलाओं की कोशिश नगर को नंबर एक बनाना है.