रायपुर/देवेश मिश्रा: छत्तीसगढ़ के दिग्गज आदिवासी नेता और औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने उनके खिलाफ भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा कभी भी UCC का समर्थन नहीं किया गया है और न ही कभी विरोध. उन्हें लेकर UCC पर जो भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है वह बिल्कुर निराधार है. 


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पूरी तरह से खंडन करता हूं
नंदकुमार साय ने कहा- UCC पर जो भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही हैं, वह बिल्कुल निराधार हैं. न मेरे द्वारा UCC का समर्थन किया गया है और न ही विरोध. सच बात तो यह है कि मैंने इस विषय पर सभी लोगों का विचार आमंत्रित करने की बात कही थी. इस विषय पर जब तक उसे देखा नहीं जाएगा, समझा नहीं जाएगा, तब तक कैसे हम अपना अभिमत दे सकते हैं. अगर यह प्रचारित किया जा रहा है कि हमने अपना कोई मत दिया है या इसका समर्थन किया है तो यह निराधार है. मैं इसका पूरी तरह से खंडन करता हूं. 


UCC को ये कह गए थे नंदकुमार 
हाल में नंदकुमार साय ने धमतरी में UCC को लेकर कहा था कि समान नागरिक संहिता को सभी लोगों को समझने की जरूरत है. एक सामान्य नीतियां सभी के लिए समान रूप से हो, सबके लिए एक समान हो तो इससे किसी को नुकसान तो नहीं होना चाहिए, लेकिन सबको समझना है. इसके आने से कोई नुकसान किसी को नहीं होगा. उनके इस बयान के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि साय यूनिफॉर्म सिविल कोड के समर्थन में हैं. 


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बता दें कि UCC भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून है. UCC के लागू होने पर व्यक्ति किसी भी धर्म या जाति का हो तो एक जैसे अपराध होने पर सबको एक जैसी सजा होगी. वर्तमान में भारत में तलाक, विवाह, गोद लेने के नियम और संपत्ति-विरासत पर धर्म के हिसाब से अलग-अलग कानून है.  हमारे संविधान के अनुच्छेद 44 में उल्लिखित है कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून होने की बात कही गई है.