जितेंद्र कंवर/जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा (jajangir champa) जिला मुख्यालय के श्री नर्सिंग होम में 20 अप्रैल को तय मुहूर्त अनोखी शादी (unique marriage) संपन्न हुई. जो लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. अस्पताल (Hospita) परिसर में जहां मरीजों का इलाज होता है. वहीं एक मरीज के अस्पताल परिसर में शादी सम्पन्न हुआ है. 


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आपको बता दें कि कुछ दिन पहले कुमारी रश्मि उर्फ लक्ष्मी पिता अगरदास महंत माता मुन्नी बाई निवासी ग्राम बैजलपुर जिला जांजगीर चांपा की है. जिसकी शादी 18 अप्रैल 2023 से शादी का मुहूर्त परिवार वालों ने मिलकर निकलवाया था. 20 अप्रैल को सक्ति जिला के परसाडीह गांव से राज उर्फ बंटी पिता शुकालू दास माता कौशल्या देवी ग्राम परसाडीह जैजैपुर जिला सक्ति के साथ तय हुआ था. दोनों परिवार में खुशी का माहौल था.


जानिए पूरा मामला
धूमधाम से शादी करने के लिए सभी रिश्तेदार के यहां निमंत्रण दिया जा चुका था. इस बीच अचानक रश्मि की पेट दर्द के कारण तबीयत खराब हो गई और अस्पताल में चेकअप के लिए आई तो पता चला कि बड़ी आंत में छेद है. डॉक्टर ने बताया कि रश्मि की इलाज जल्द से जल्द नहीं करने पर यह तकलीफ रश्मि के लिए घातक होगा. इस बात की जानकारी वर पक्ष को हुआ तो तत्काल राज के परिवार ने रश्मि के इलाज को महत्व देते हुए अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय किया और तय मुहूर्त में शादी करने का निर्णय लिया, क्योंकि दोनों परिवार के लिए यह शादी का समय बढ़ाना सम्भव नहीं था.


रीति रिवाज से संपन्न हुई शादी
चूंकि वर के भाई का भी शादी इसी मंडप में होना तय था और सभी रिश्तेदार घर धीरे-धीरे पहूंच रहे थे. दोनों परिवार ने आपसी तालमेल बनाते हुए तय मुहूर्त में ही शादी करने का निर्णय लिया और रश्मि का इलाज जारी रखने को कहा. वहीं रश्मि के शादी के 5 दिन पहले ऑपरेशन हुआ और वर पक्ष ने बारात लेकर सीधा अस्पताल पहुंचे और परिसर में ही रीति रिवाज से शादी संपन्न कराया. अस्पताल परिसर में उपस्थित सभी स्टाफ परिवार जन एवं अन्य मरीज के परिवार वालों ने ये अनोखी शादी का गवाह बना. 


डॉक्टरों ने दिया आशीर्वाद
सभी को फिल्म में शादी होने का याद ताजा हो गया, उपस्थित डॉक्टर स्टॉप सहित परिवार जनों ने वर वधु को आशीर्वाद दिए और उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए रश्मि को जल्द स्वस्थ होने का प्रार्थना किया गया. वहीं रिश्तेदारों ने बताया कि दोनों परिवार के माली स्थिति अच्छा नहीं होने के कारण शादी को आगे ले जाना संभव नहीं था और लड़की पक्ष वालों ने बताया कि जो पैसा शादी के लिए जमा कर रखे थे. वह इलाज के दौरान खर्च हो गए. ऐसे में ईलाज जरुरी था. दामाद सहित उनके घर वालों ने पूरा समर्थन दिखाया. जिसके कारण यह शादी अस्पताल परिसर में संपन्न हो पाया है.


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