छत्तीसगढ़ का अनोखा मंदिर, जहां देवी को चढ़ाए जाते हैं कंकड़-पत्थर, जानें मान्यता
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के खमतराई में एक अनोखा मंदिर है जहां वनदेवी को पत्थर चढ़ाए जाते हैं. मान्यता है कि यहां पांच पत्थर चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है.
Unique Temple Of Chhattisgarh: भारत में हिंदू धर्म के बहुत से मंदिर हैं. सभी मंदिर किसी न किसी भगवान या देवी को समर्पित हैं. कुछ मंदिरों में भगवान या देवी को प्रसन्न करने का अपना अलग ही तरीका होता है. जैसे कुछ मंदिरों में अलग तरीके से आरती की जाती है या फिर देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कुछ खास उपहार चढ़ाए जाते हैं, तो कुछ देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए खास प्रसाद चढ़ाया जाता है. खासकर देवी मां के मंदिरों में मां को प्रसन्न करने के लिए लाल चुनरी या वस्त्र, श्रृंगार का सामान और हलवा-पूरी चढ़ाई जाती है. लेकिन देवी मां का एक अनोखा मंदिर ऐसा भी है जहां ये सब प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता बल्कि मां को पत्थर चढ़ाने की परंपरा है. यह अनोखा मंदिर वनदेवी मंदिर है.
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बिलासपुर में स्थित है वनदेवी मंदिर
यह मंदिर देवी मां को समर्पित है और यहां भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिए फल या फूल की जगह पत्थर चढ़ाते हैं. देवी मां का यह प्रसिद्ध और अनोखा मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर शहर के पास खमतराई क्षेत्र में स्थित है. इस मंदिर में देवी मां को अन्य मंदिरों की तरह फल, फूल और मिठाई नहीं चढ़ाई जाती है. यहां वनदेवी को प्रसाद के रूप में केवल पत्थर ही चढ़ाए जाते हैं. यहां मुख्य रूप से देवी को एक विशेष प्रकार के पत्थर चढ़ाए जाते हैं. इसके बारे में मंदिर के आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि वनदेवी को एक विशेष प्रकार के पत्थर पसंद हैं जो खेतों में पाए जाते हैं, इन पत्थरों को गोटा पत्थर कहा जाता है.
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जानें मान्यता
वनदेवी को पत्थर चढ़ाने के पीछे मान्यता है कि यहां आकर देवी को 5 पत्थर चढ़ाने के बाद भक्त जो भी मनोकामना मांगते हैं और देवी की कृपा से वह सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसीलिए दूर-दूर से लोग देवी के दर्शन करने और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए इस मंदिर में आते हैं और देवी को 5 पत्थर चढ़ाकर मनोकामना मांगते हैं.