Yashasvi Jaiswal Career: आईपीएल में हर दिन नए कारनामें हो रहे है, कल की रात तो कोलकाता में यशस्वी नाम का तूफान आ गया था और जिसने आईपीएल का इतिहास पलट दिया, जी हां कल हुए कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मुकाबले में यशस्वी जायसवाल ने आईपीएल की फास्टेड फिफ्टी (Fastest Fifty in IPL) का सेहरा अपने सर पर सजवाया. 


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जिसकी चारों तरफ चर्चा है. यशस्वी के लिए ये काम आसान नहीं था लेकिन उन्होंने अपनी काबिलियत की बदौलत ये मुकाम हासिल किया है. जानें कैसे फर्श से अर्श पर पहुंचे यशस्वी जायसवाल.


कोलकाता में आई यशस्वी सुनामी
कल रात हुए कोलकाता के खिलाफ मुकाबले में जायसवाल ने आईपीएल इतिहास की सबसे तेज फिफ्टी (13 गेंदों में) लगाते हुए 98 रनों की नाबाद पारी खेली, इस मुकाबले में राजस्थान में कोलकाता को उसके घर में 9 विकेट से मात दी, लेकिन इस मैच में जिन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा उसका नाम यशस्वी जायसवाल है. 




कोलकाता के खिलाफ मैच के बाद इन्होंने कहा कि अगर विश्व कप में खेलने का मौका मिलता है तो ये नंबर 3 पर बल्लेबाजी करना पसंद करेंगे. रवी शास्त्री, पार्थिव पटेल , सुरेश रैना जैसे पूर्व खिलाड़ियों ने कहा कि इन्हें जल्द से जल्द इंडिया में शामिल किया जाना चाहिए.


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क्रिकेट करियर 
यशस्वी जयसवाल आईपीएल में साल 2020 से राजस्थान टीम में खेल रहे हैं. इन्होंने अपने प्रदर्शन से देश भर के क्रिकेटरों और क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. ये अंडर 19 विजेता टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं. इसके अलावा प्रथम श्रेणी का क्रिकेट मुंबई की तरफ से खेलते हैं. अक्टूबर 2019 में  लिस्ट ए दोहरा शतक बनाने वाले दुनिया के सबसे युवा क्रिकेटर बने थे. बता दें कि इस बार आईपीएल में हर किसी को इन्होंने प्रभावित किया है. 


संघर्षों से भरा जीवन
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में जन्मे यशस्वी जायसवाल का बचपन से ही सपना था क्रिकेट खेलने का हालांकि इनका ये सपना इतना आसान नहीं था. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, ये मुंबई में जिस क्रिकेट ग्राउंड पर  कोचिंग तो करते थे लेकिन उसके बाद उसी स्टेडियम के बाहर अपने पिता के साथ गोलगप्पे बेचते थे.  


बताया जाता है कि ये अपने जीवन के शुरुआती दिनों में मुंबई के कालबादेवी इलाके में स्थित एक डेयरी में उन्हें सोने की जगह इस शर्त पर मिली कि वह वहां काम भी करेंगे. लेकिन दिन भर थके हारे यशस्वी लौटते ही सो जाते थे इस लिए डेयरी वालों ने उन्हें अपना ठिकाना बदलने के लिए कहा.


इसके बाद 11 साल की उम्र में यशस्वी का नया ठिकाना बना मुंबई क्रिकेट की नर्सरी. कहा जाने वाला आजाद मैदान. यहां पर मुस्लिम यूनाइटेड क्लब में ग्राउंड्समैन के साथ टेंट में रहने लगे. बता दें कि यहां पर रहना इनके लिए आसान नहीं था. इसके लिए शर्त थी की ये अच्छा खेल दिखाएं.  साथ ही साथ बताया जाता है कि इन्होंने यहां पर खाना बनाने का भी काफी किया था.


मगर वक्त का पासा ऐसा पलटा की आज यशस्वी जायसवाल की दुनिया भर में तारीफ हो रही है. यशस्वी जायसवाल होने खिलाड़ियों के लिए एक मोटिवेशन हैं जो अपनी स्थितियों के आगे सपने को मार देते हैं. उनकी तारीफ सीनियर खिलाड़ी खूब कर रहे हैं और टीम इंडिया में चुने जाने की भी मांग कर रहे हैं.