इलाज के अभाव में बंधुआ मजदूर के बच्चे ने तोड़ा दम, शव को लेकर पहुंचे थाने
दंपति पिछले 5 साल से एक दबंग परिवार में बंधुआ मजदूर हैं. दबंग ने बच्चे के इलाज के लिए उन्हें पैसे नहीं दिए, जिसके कारण बीमार बच्चे का इलाज नहीं हो पाया और उसने दम तोड़ दिया. पीड़त मां-बाप शव को लेकर कैंट थाने पहुंचे और बच्चे की बॉडी को रखकर चक्काजाम कर दिया.
गुना: मध्य प्रदेश के गुना जिले में इलाज के अभाव में एक आदिवासी बंधुआ मजदूर दंपति ने अपने बच्चे को खो दिया. दरअसल ये मामला है एक ऐसे दंपति का जो 5 साल से एक दबंग परिवार में बधुआ मजदूर हैं. जहां ये लोग मजदूरी तो कर रहे हैं, लेकिन इन्हें मेहनताना नहीं दिया जाता.
आरोप है कि बंधुआ मजदूर पहलवान सिंह ने अपने 8 साल के बीमार बच्चे के इलाज के लिए दबंग से पैसे मांगे थे. बच्चे की तबीयत 3-4 दिन तक खराब रही लेकिन उसे पैसे नहीं दिए गए. बल्कि दबंग ने उसके साथ मारपीट करना शुरू कर दिया.
पीड़ित पिता का कहना है कि उसने 19 सितंबर को कैंट थाने में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी. पुलिस ने भी उसकी कोई मदद नहीं की. जिसके बाद 20 सितंबर दोपहर 2:30 उसके बच्चे ने दम तोड़ दिया.
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गुस्साए मजदूर दंपति अपने बच्चे के शव को लेकर कैंट थाने पहुंचे और बच्चे की बॉडी को रखकर चक्काजाम कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने आनन-फानन में बच्चे की बॉडी को लेकर जिला अस्पताल पहुंची.
मृतक बच्चे के पिता का कहना है कि पहले साल दबंग ने उसे 25 हजार रुपये दिए थे. इसके बाद उन्हें एक भी पैसा नहीं दिया गया है. पैसे की कमी के कारण उसके बच्चे का इलाज नहीं हो पाया और उसके बच्चे की मौत हो गई.
मामले सूचना मिलते ही गुना कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम जिला अस्पताल पहुंचे. जहां उन्होंने 10 हजार की आर्थिक सहायता देने के साथ सरकार से अन्य योजना में आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया है. साथ ही दबंग के खिलाफ रासुका लगाने और अन्य करवाई करने की बात कही है.
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