भोपालः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर भावांतर योजना (प्राइस डेफिसिट योजना) की शेष राशि 576 करोड़ रुपये की मांग की. जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर तिलहन के लिए प्राइस डेफिसिट भुगतान योजना के क्रियान्वयन लागत की शेष राशि 575.90 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने का आग्रह किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री समर्थन मूल्य तय करने के पूर्व के निर्णय को आगे बढ़ाते हुए अभियान के क्रियान्वयन के संबंध में ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि अभियान के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है.


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कमलनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने 1951.80 करोड़ रुपये किसानों को भुगतान किए थे जो न्यूनतम समर्थन मूल्य और आदर्श विक्रय मूल्य का अंतर था. उन्होंने कहा कि यदि यह फसल नाफेड द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाती तो प्रशासनिक लागत और हानि करीब 2800 करोड़ रुपये आती. मुख्यमंत्री ने लागत में 50 प्रतिशत की भागीदारी भारत सरकार द्वारा करने के निर्णय को देखते हुए शेष 575.90 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करवाने का आग्रह किया.


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मुख्यमंत्री ने सोयाबीन के लिए प्राइस डेफिसिट योजना में राज्य के उत्पादन का 40 प्रतिशत यानी 26.92 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य तय करने का आग्रह किया है. कमलनाथ ने कहा कि प्राइस डेफिसिट योजना की गाइडलाइन में राज्य को दिए लक्ष्य को उत्पादन का 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने के तरीके का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि यही मूल्य समर्थन योजना की गाइडलाइन में अंकित है. उन्होंने प्राइस डेफिसिट योजना में परिवर्तन करने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे उत्पादन के 25 प्रतिशत के लक्ष्य को 40 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकेगा.